नई दिल्ली। भगवान भोलेनाथ का दिन शिवरात्रि आ गई इस दिन का उनके भक्तों को बेसबरी से इंतजार था। इस दिन बाबा की कृपा उनके भक्तों पर बरसती है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने मां पार्वती से शादी की थी। इस दिन उनके भक्त उनके लिए व्रत रखते हैं और उनकी पूजा आराधना करते है। इस दिन मंदिरों में भी रुद्राभिषेक किया जाता है और भगवान शिव के मंदिर को काफी अच्छे से सजाया जाता है और मंदिरों में ठंडाई प्रसाद के रूप में बांटी जाती है। आइए आपको शिवरात्रि में पूजा मुहूर्त और विधि विधान के बारे में बताते हैं-
भगवान शिव की पूजा विधि
महाशिवरात्रि के पावन त्योहार पर आज लोग अपने-अपने घरों पर पूजा करते है। ऐसे में शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराकर उन पर रोली लगा कर उन्हें प्रसाद चढ़ाए। इसके बाद आप एक दीपक में घी डालकर उसमें बाती लगा कर और ज्योत जलाएं। तुलसी, दूर्वा, चावल, पुष्प, पान-सुपारी, जनेऊ, पंचामृत, कलश, दीपक, शंख, घंट, आरती यह सब चीजों का होना आवश्यक है। जैसा कि हमने आपको बताया कि आज के दिन लोग घरों पर और मंदिरों में रुद्राभिषेक करते है। अगर आप भी आज के दिन रुद्राभिषेक करने जा रहे हैं तो उसका सही मुहूर्त जान ले, ताकि भगवान शिव की असीम कृपा आप पर बनी रहे। यह आप चार प्रहर में कर सकते है तो आइए जान लेते है वो कौन-कौन से प्रहर है और उन प्रहर में कितने बजे से लेकर कितने बजे तक आपको करनी है।
चार प्रहर में करें रुद्राभिषेक
पहले प्रहर- शाम 6:48 से रात 9:58 तक
दूसरा प्रहर- रात 9:58 से रात 1:08 तक
तृतीय प्रहर- रात 1:08 से रात 4:18 तक
चतुर्थ प्रहर- रात 4:18 से सुबह 7:28 बजे तक