नई दिल्ली। हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का पावन पर्व मनाया जाता है। यह दिन ज्ञान, विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष वसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी 2025 को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन देशभर में मां सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और शिक्षा, संगीत, कला व साहित्य के क्षेत्र से जुड़े लोग देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं।
मां सरस्वती की पूजा का महत्व
वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, विवेक और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की आराधना करने से संगीत, कला और साहित्य में रुचि रखने वाले लोगों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। छात्र-छात्राओं के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है। यही कारण है कि इस दिन विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मूर्ति स्थापना के नियम
वास्तु शास्त्र में देवी सरस्वती की प्रतिमा और तस्वीर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं। यदि इन नियमों का पालन किया जाए, तो देवी सरस्वती की कृपा सदैव बनी रहती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पूर्व या उत्तर दिशा में करें स्थापना
वसंत पंचमी के दिन घर या शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती की तस्वीर या मूर्ति को पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित करना शुभ माना जाता है। इससे शिक्षा और ज्ञान संबंधी कार्यों में सफलता मिलती है। यदि इन दिशाओं में स्थान उपलब्ध न हो, तो ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में मूर्ति स्थापित करना भी लाभकारी होता है।
कमल पुष्प पर विराजमान मूर्ति हो शुभ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मां सरस्वती की मूर्ति को कमल पुष्प पर विराजमान मुद्रा में रखना चाहिए। खड़ी मुद्रा में मूर्ति स्थापित करना शुभ नहीं माना जाता। साथ ही, मूर्ति या तस्वीर सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद देने वाली मुद्रा में होनी चाहिए। खंडित या टूटी हुई मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
घर में दो मूर्तियां न रखें
एक ही स्थान पर मां सरस्वती की दो मूर्तियां स्थापित करना वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। इसलिए पूजा स्थल पर केवल एक ही प्रतिमा या तस्वीर रखने की सलाह दी जाती है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और मां सरस्वती की कृपा अधिक प्राप्त होती है।
अध्ययन कक्ष में तस्वीर लगाने के नियम
मां सरस्वती की तस्वीर को अध्ययन कक्ष में लगाना शुभ माना जाता है। इससे विद्यार्थियों को पढ़ाई में एकाग्रता और सफलता प्राप्त होती है। तस्वीर को ऐसे स्थान पर रखना चाहिए, जहां साफ-सफाई बनी रहे। तस्वीर के पास गंदगी या जूठे बर्तन न रखें और इसे किसी पवित्र स्थान पर स्थापित करें। नियमित रूप से तस्वीर की पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और शिक्षा संबंधी बाधाएं दूर होती हैं।
मां सरस्वती की कृपा कैसे प्राप्त करें?
- वसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण करें और मां सरस्वती की आराधना करें।
- पूजा के दौरान मां सरस्वती को वीणा, पुस्तक, माला और कमल के फूल अर्पित करें।
- ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः’ मंत्र का जाप करें और अधिक से अधिक समय तक ध्यान करें।
- विद्यार्थियों को इस दिन अपनी पुस्तकों की पूजा करनी चाहिए और मां सरस्वती से ज्ञान और सफलता की प्रार्थना करनी चाहिए।
वसंत पंचमी का यह पावन अवसर ज्ञान, विद्या और बुद्धि के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन मां सरस्वती की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और उसका बौद्धिक विकास होता है।