नई दिल्ली। आज से सावन का शुभ महीना शुरू हो चुका है। भगवान शिव को समर्पित इस महीने में हर दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने की मान्यता है। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के लिए यह महीना सर्वोत्तम और सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस महीने में हर दिन शिव शंकर और माता पार्वती की पूजा करके कृपा प्राप्त की जा सकती है।
इस महीने में सावन के सोमवार हो और मंगला गौरी दोनों व्रत करने से शिव शक्ति का आशीर्वाद और अनुकंपा मिलती है। जो लोग यह व्रत नहीं कर सकते वह शिवरात्रि का व्रत कर सकते हैं। जिससे भी भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कब है सावन की शिवरात्रि
हर महीने चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि मनाई जाती है। वहीं सावन महीने की शिवरात्रि चतुर्दशी तिथि यानी 6 अगस्त के दिन पड़ेगी। कहा जा रहा है कि इस पार 6 और 7 अगस्त को शिवरात्रि मनाई जाएगी। लेकिन शिवरात्रि की पूजा रात में होती है इसलिए शिवरात्रि का व्रत 6 अगस्त को रखा जाएगा।
शिवरात्रि का पूजा मुहूर्त
सावन शिवरात्रि की पूजा का उत्तम मुहूर्त निशिता काल माना जाता है. निशिता काल में सावन शिवरात्रि पूजा का समय देर रात 12 बजकर 06 मिनट से देर रात 12 बजकर 48 मिनट तक है।
सावन शिवरात्रि पारण समय
शिवरात्रि व्रत का पारण 7 अगस्त को प्रात: 05 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 47 मिनट के बीच किसी भी समय कर सकते हैं।