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Shani Pradosh Vrat 2021: शनि प्रदोष व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Shani Pradosh Vrat 2021: शनिवार के दिन जब त्रयोदशी तिथि पड़ती है तब इसे शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat) के नाम से जाना जाता है और इस व्रत का बड़ा महत्व है। प्रदोष का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।

नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। हर महीने 2 बार प्रदोष का व्रत रखा जाता है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। यह व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। सोमवार के दिन त्रयोदशी तिथि पड़ने पर इसे सोम प्रदोष व्रत कहते हैं और मंगलवार के दिन पड़ने पर भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इसी तरह शनिवार के दिन जब त्रयोदशी तिथि पड़ती है तब इसे शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat) के नाम से जाना जाता है और इस व्रत का बड़ा महत्व है। प्रदोष का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और व्रती को पुत्र की प्राप्ति होती है।

शनि प्रदोष व्रत महत्व

इस बार 08 मई 2021 को शनि प्रदोष व्रत पड़ रहा है। शनिदेव नवग्रहों में से एक हैं। शास्त्रों में शनि के प्रकोप से बचने के लिये शनि प्रदोष व्रत बताया गया है। सही विधि-विधान से किये गए शनि प्रदोष का हितकारी फल मिलता है। इस व्रत को करने से न सिर्फ शनिदेव के कारण होने वाली परेशानियां दूर होती हैं, बल्कि उनका आशीर्वाद भी मिलता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की शनि प्रदोष के दिन जो व्यक्ति शनि से संबंधित वस्तुओं जैसे लोहा, तेल, तिल, काली उड़द, कोयला और कम्बल आदि का दान करता है तथा व्रत रखता है, शनिदेव उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है।

शनि प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि आरंभ: 8 मई 2021 को शाम 5 बजकर 20 मिनट से शुरू

त्रयोदशी तिथि समाप्त: 9 मई 2021 शाम 7 बजकर 30 मिनट तक

पूजा समय- 08 मई शाम 07 बजकर रात 09 बजकर 07 मिनट तक

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