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Ganesh Chaturthi 2022: इस गणेश चतुर्थी पर पर्यावरण का भी रखें ध्यान, घर में मौजूद इन चीजों से बना सकते हैं बप्पा की इकोफ्रेंडली मूर्ति

नई दिल्ली। हिंदू धर्म के लोग सालभर जिस त्योहार गणेश चतुर्थी का इंतजार करते रहते हैं, वो पर्व कल यानी 31 अगस्त से शुरू हो रहा है। 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार का समापन 9 सिंतबर को अनंत चतुर्थी के दिन हो जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने का प्रावधान है। भगवान की मूर्ति खरीदते समय लोग बहुत सारे नियमों का पालन करते हैं। गणपति बप्पा की सूंड़ और उनकी स्थापना के स्थान की दिशा, दशा आदि का ध्यान रखते हैं। भगवान की मूर्ति खरीदने से पहले एक और विशेष बात का ध्यान रखना चाहिए कि पीओपी से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा भूलकर भी नहीं लानी चाहिए। क्योंकि इनका विसर्जन करने से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए कोशिश करें इको फ्रेंडली मूर्ति ही स्थापित करें। इसके अलावा, क्या आप जानते हैं मिट्टी के अलावा भी कई दूसरी चीजों से इको फ्रेंडली मूर्ति बनाई जाती है, नहीं? तो आइए आपको बताते हैं कि कौन सी हैं वो चीजें…

1.आक के पौधे की जड़ से भगवान गणेश जी की आकृति बनाना काफी शुभ होता है। इन्हें ‘श्वेतार्क गणेश’ के नाम से जाना जाता है।

2.पिसी हल्दी में पानी मिलाकर उसे आटे की तरह गूंथ कर उससे गणपति की आकृति बनाई जा सकती है।

3.गणेश भगवान की आकृति वाली हल्दी की गांठ को विघ्नहर्ता के रूप में स्थापित कर सकते हैं।

4.हिंदू धर्म में पवित्र माना जाने वाले गाय के गोबर से गणपति की आकृति बनाकर मंदिर में स्थापित कर सकते हैं।

5.पवित्र वृक्ष पीपल, आम और नीम की लकड़ी का इस्तेमाल करके भगवान गणेश की मूर्ति बनाई जा सकती है। इस मूर्ति को प्रवेश द्वार के बाहर ऊपरी हिस्से में रखना काफी अच्छा माना जाता है।

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