नई दिल्ली। सनातन धर्म में करवा चौथ का बहुत महत्व होता है। हर साल इसे कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला उपवास रखती हैं और शाम के समय चंद्रमा के दर्शन करने के बाद पति हाथ से जल ग्रहण कर व्रत का पारण करती हैं। इस बार ये त्योहार गुरूवार, 13 अक्टूबर को पड़ रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल करवा चौथ के दिन ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है, जिसे 13 साल बाद बनने वाला एक अद्भुत संयोग माना जा रहा है।
शुभ-स्थिति
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस समय गुरु देव बृहस्पति, बुध और शनि अपने ग्रहों यानी अपनी राशि में विराजमान हैं, जिससे सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होगी। इसके अलावा, सूर्य और बुध भी एक साथ होंगे, जिससे उन पर गुरु का प्रभाव पड़ेगा। इससे पति-पत्नी के संबंधों में प्रगाढ़ता बढ़ेगी। साथ ही शुक्र-बृहस्पति का संबंध भी करवाचौथ की तिथि पर बना रहेगा, परिणाम स्वरूप प्रार्थना जल्दी स्वीकार होगी। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो 13 साल के बाद मीन राशि का बृहस्पति इस त्योहार को अधिक सुखद बनाएगा, वैवाहिक जीवन में उत्पन्न होने वाली सभी समस्याओं का अंत हो जाएगा।
करवा चौथ पर किए जाने वाले चमत्कारी उपाय
1.जल में ढ़ेर सारे सफेद रंग के फूल डालकर अर्घ्य देने से पति-पत्नी के बीच चल रहे विवादों का अंत होता है।
2.जल में ढ़ेर सारे पीले रंग के फूल डालकर अर्घ्य देने से पति-पत्नी के बीच के प्रेम में प्रगाढ़ता आती है।
3.अगर दंपति साथ मिलकर अर्घ्य देते हैं तो दांप्त्य जीवन में खराब स्वास्थ्य के चलते आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं।
4.जल में थोड़ा सा दूध और अक्षत डालकर शंख से अर्घ्य देने से पति-पत्नी के बीच किसी कारणवश पनपने वाली दूरियों का अंत होता है।