नई दिल्ली। पूजा-पाठ के साथ आज, 22 मार्च 2023 से चैत्र नवरात्रि का शुरुआत हो गई है। इस साल चैत्र नवरात्रि बुधवार के दिन से शुरू हो रही है। नवरात्रि के दिनों में मां पृथ्वी लोक पर अपने भक्तों के घर पर आती है और उनकी मनोकामनाओं को पूरी करती है। भक्तों को माता रानी के आने का बेसब्री से इंतजार रहता है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा कर भक्त माता से आशीर्वाद मांगते हैं। भक्तों में इस बात को जानने की भी लालसा रहती है कि मां किस पर सवार होकर पृथ्वी लोक पर आ रही है। मां का वाहन ये बताता है कि लोगों के लिए आने वाले दिन कैसे रहेंगे। तो चलिए आपको बताते हैं इस बार मां की सवारी क्या है और उन सवारी का अर्थ क्या होता है।
क्या है इस बार मां का वाहन
इस चैत्र नवरात्रि 2023 की शुरुआत बुधवार से हो रही है, ऐसे में मां का वाहन नाव है। मां दुर्गा का नौका पर सवार होकर पृथ्वी पर आना ये दर्शाता है कि व्यक्ति जो भी काम करेंगे उन्हें उसमें सफलता मिलेगी। मां दुर्गा की ये सवारी काफी शुभ मानी जाती है। कहा जाता है कि मां की ये सवारी लोगों के कामों में आ रही सारी रुकावटों को दूर करती है। ये वाहन (नौका) बुद्धि, विवेक, चातुर्य और मानसिक बल को दर्शाता है।
किस तरह तय होता है मां का वाहन
नवरात्रि में मां का वाहन दिन के आधार पर तय होता है। अगर नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार के दिन होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती है। शनिवार या मंगलवार के दिन नवरात्रि के शुरू होने पर मां घोड़े पर सवार होती है। गुरुवार या शुक्रवार के दिन नवरात्रि के शुरू होने पर मां का आगमन डोली पर होता है। इस बार बुधवार से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है ऐसे में मां दुर्गा का वाहन नौका होगा।
क्या होता है इन सवारियों का अर्थ
नवरात्रि में मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना ज्यादा बारिश को दर्शाता है। घोड़े पर मां के आगमन से युद्ध जैसे हालात होते हैं। नौका पर सवार होकर आने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। वहीं, अगर मां डोली पर सवार होकर आ रही होती हैं तो कोई महामारी का डर रहता है।