News Room Post

Jitiya Vrat 2023: आज है जितिया व्रत, माताएं इस मुहूर्त का रखें खास ध्यान, जानें पूजन विधि से लेकर पारण का समय

jitiya vrat1

नई दिल्ली। अक्टूबर त्योहारों का महीना है। अक्टूबर से लेकर नवंबर तक बड़े-बड़े त्योहार आने वाले हैं। अभी तो श्राद्ध चल रहे हैं लेकिन श्राद्ध के बाद नवरात्रि, करवाचौथ, धनतेरस और दीपावली जैसे त्योहार आने वाले हैं। इसके साथ ही जितिया व्रत भी है। इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना करती हैं और उनके आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। ये व्रत निर्जला रहना पड़ता है और ये तीन दिन का होता है।अगर आप पहली बार जितिया व्रत रख रही हैं तो इसका नियम और समय जान लें।

कब है जितिया व्रत

आज यानी 6 अक्टूबर को जितिया व्रत पड़ा रहा है। इसे आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। तीन दिन तक चलने वाले इस त्योहार में माताएं निर्जला व्रत रखती है और बच्चों की लंबी उम्र की कामना करती हैं। सप्तमी तिथि को नहाय-खाय होगा, जिसके बाद अष्टमी तिथि को माताएं व्रत रखेंगी और नवमी को व्रत का पारण होगा।

कब है शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त की बात करें तो  6 अक्टूबर यानी अष्टमी तिथि को सुबह 6 बजकर 34 मिनट से मुहूर्त शुरू होगा और  7 अक्टूबर यानी नवमी को सुबह 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगा। व्रत से लेकर पारण माताओं को इसी बीच करना होगा। अभिजीत मुहूर्त 6 अक्टूबर को 11 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर  दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करना शुभ होगा।

पारण का मुहूर्त- पारण का मुहूर्त 7 अक्टूबर को सुबह 8 बजकर 10 मिनट के बाद किया जाएगा

पूजन विधि

अगर आप पहली बार व्रत रख रही हैं तो आपको कुछ नियमों का ध्यान रखना होगा। सबसे पहले सूर्योदय से पहले उठकर माताएं स्नान करें और संकल्प के साथ व्रत की शुरुआत करते हुए पूजा पाठ करें। पूजा के बाद महिलाएं फल वगैरा खा सकती हैं, जिसके बाद पूरे दिन कुछ नहीं खाना होता है। जिसके बाद अगले दिन स्नान और पूजा पाठ कर महिलाएं निर्जला व्रत करती है और बच्चों की लंबी आयु के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। तीसरे दिन भोर में सूर्य को अर्घ्य देने और पूजा पाठ करने के बाद महिलाएं अपना व्रत खोल सकती हैं। इस दिन नोनी का साग खाने की परंपरा है। व्रती महिलाएं इसी से व्रत का पारण करें।

 

Exit mobile version