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जुलाई 2025 में ग्रहों और नक्षत्रों का गोचर एवं प्रमुख तीज-त्योहार

18 मई से 20 जुलाई तक राहु पूर्व भाद्रपद के तृतीय पद में रहेंगे। 20 जुलाई से 21 सितंबर तक राहु पूर्व भाद्रपद के दूसरे चरण में गोचर करेंगे।

जुलाई 2025 में ग्रहों और नक्षत्रों का गोचर:

सूर्य :-

प्रत्येक महीने संक्रांति पर सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं। 16 जुलाई को सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे।

नक्षत्र गोचर – 2 जुलाई तक सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में रहेंगे। 2 से 16 जुलाई तक वह पुनर्वसु नक्षत्र में और 16 से 30 जुलाई तक पुष्य नक्षत्र में विराजमान रहेंगे। इसके बाद आश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।

चंद्रमा :-

चंद्रमा एक राशि में सवा दो दिन अथवा 54 घंटे तक रहते हैं। कन्या में चंद्रमा 1 जुलाई को दोपहर 3.23 मिनट तक रहेंगे। इसके बाद 4 जुलाई को दोपहर 3.18 मिनट तक तुला राशि में, 6 जुलाई शाम 4 बजे तक वृश्चिक राशि में, 9 जुलाई दोपहर 03:14 तक धनु में, 11 जुलाई दोपहर 12:08 तक मकर में, 13 जुलाई शाम 6.35 तक कुंभ में, 15 जुलाई रात 11.57 तक मीन में और 18 जुलाई सुबह 3.30 तक मेष में गोचर करेंगे। 20 जुलाई सुबह 6.11 तक वृषभ में, 22 जुलाई सुबह 8.14 तक मिथुन में, 24 जुलाई सुबह 10.58 तक कर्क में, 26 जुलाई दोपहर बाद 3.51 मिनट तक सिंह में, 28 जुलाई रात 11.59 तक कन्या में और 31 जुलाई सुबह 11.14 तक तुला राशि में विराजमान रहेंगे।

नक्षत्र गोचर – एक जुलाई सुबह 8:53 तक उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में, दो जुलाई सुबह 11.07 तक हस्त में, 3 जुलाई दोपहर 1.50 तक चित्रा में, 4 जुलाई शाम 4.49 मिनट तक स्वाती में, 5 जुलाई शाम 7.51 मिनट तक विशाखा में, 6 जुलाई रात 10.41 तक अनुराधा में, 8 जुलाई 2025 दोपहर 1.11 तक ज्येष्ठा में, 9 जुलाई सुबह 3.14 तक मूल में, 10 जुलाई सुबह 4.49 तक पूर्वाषाढ़ा में और 11 जुलाई सुबह 5.55 मिनट तक उत्तरषाढ़ा नक्षत्र में चंद्रमा गोचर करेंगे।

12 जुलाई सुबह 6.35 तक श्रवण में, 13 जुलाई सुबह 6.52 तक धनिष्ठा में, 14 जुलाई सुबह 6.48 तक शतभिषा में, 15 जुलाई सुबह 6.25 तक पूर्व भाद्रपद में, 16 जुलाई सुबह 5.46 तक उत्तर भाद्रपद में, 17 जुलाई सुबह 4.50 तक रेवती में, 18 जुलाई सुबह 3.38 तक अश्विनी में, 19 जुलाई देर रात 2.13 बजे तक भरणी में, 20 जुलाई सुबह रात 12.37 तक कृत्तिका में और 20 जुलाई रात 10.52 तक रोहिणी में चंद्रमा रहेंगे।

21 जुलाई रात 9.06 तक मृगशिरा में, 22 जुलाई शाम 7.24 तक आर्द्रा में, 23 जुलाई शाम 5.54 तक पुनर्वसु में, 24 जुलाई शाम 4.43 तक पुष्य में, 25 जुलाई शाम 4 बजे तक अश्लेषा में, 26 जुलाई शाम 3.41 तक में मघा में, 27 जुलाई शाम 4.22 तक पूर्वाफाल्गुनी में, 28 जुलाई शाम 5.35 तक उत्तराफाल्गुनी में, 29 जुलाई शाम 7.27 तक हस्त में, 30 जुलाई रात 9.52 तक चित्रा में और 1 अगस्त रात 12.41 तक स्वाती नक्षत्र में चंद्रमा विराजमान रहेंगे।

मंगल :-

मंगल लगभग 687 दिनों में सूर्य की अपनी एक परिक्रमा पूरी करते हैं। लगभग 45 दिनों तक वह एक राशि में रहते हैं। 6 जून से 28 जुलाई तक मंगल सिंह राशि में रहेंगे। इसके बाद वह कन्या राशि में प्रवेश करेंगे, जहां 13 सितंबर तक रहेंगे।

नक्षत्र गोचर – 24 जून से 17 जुलाई तक मंगल पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में विराजमान रहेंगे। इसके बाद 17 जुलाई से 8 अगस्त तक मंगल उत्तराफाल्गुनी में रहेंगे।

बुध :-

बुध 22 जून से 20 अगस्त तक सिंह राशि में गोचर करेंगे। 18 जुलाई से 11 अगस्त तक कुल 24 दिनों तक बुध अस्त एवं वक्री रहेंगे। सामान्य गति से बुध एक राशि में 21 से 30 तक गोचर करते हैं।

नक्षत्र गोचर – 3 जुलाई तक बुध पुष्य नक्षत्र में गोचर करेंगे। इसके बाद 3 जुलाई से 18 जुलाई तक अश्लेषा नक्षत्र में गोचर करेंगे। 18 अगस्त को वक्री होने के कारण पुनः 24 जुलाई तक अश्लेषा में विराजमान रहेंगे। इसके बाद 24 अगस्त से 11 अगस्त तक पुष्य नक्षत्र में गोचर करेंगे।

बृहस्पति :-

बृहस्पति 12 वर्ष में अपनी परिक्रमा पूरी करते हैं। सामान्य गति से वह एक राशि में 12 से 13 महीने तक गोचर करते हैं। इस वर्ष अतिचारी होने से उनकी गति सामान्य से अधिक है। 14 मई से 18 अक्टूबर तक वह मिथुन राशि में गोचरस्थ रहेंगे।

नक्षत्र गोचर – बृहस्पति 28 जून से 28 जुलाई तक आर्द्रा नक्षत्र में रहेंगे। इसके बाद वह पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। वहां वह 13 अगस्त तक विराजमान रहेंगे।

शुक्र :-

शुक्र लगभग 225 दिनों में अपनी परिक्रमा पूरी करते हैं। एक राशि में शुक्र 23 से 30 दिनों तक रहते हैं। 29 जून से 26 जुलाई तक वह वृषभ राशि में रहेंगे। इसके बाद 26 जुलाई को वह मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, जहां वह 20 अगस्त तक रहेंगे।

नक्षत्र गोचर – 26 जून से 8 जुलाई तक शुक्र कृत्तिका नक्षत्र में रहेंगे। 8 जुलाई से 20 जुलाई तक रोहिणी में और 20 जुलाई से 1 अगस्त तक मृगशिरा नक्षत्र में विराजमान रहेंगे।

शनि :-

शनि लगभग 30 वर्षों में अपनी एक परिक्रमा पूरी करते हैं। वह एक राशि में लगभग 2.5 वर्ष तक रहते हैं। वर्तमान में वह मीन राशि में गोचर कर रहे हैं। 13 जुलाई को वह वक्री हो जाएंगे।

नक्षत्र गोचर – 7 जून से शनि उत्तर भाद्रपद के दूसरे चरण में विराजमान हैं। 13 जुलाई को वक्री होने से उनकी चाल उलटी हो जाएगी। इससे वह उत्तर भाद्रपद के दूसरे चरण से पहले चरण में प्रवेश करेंगे, जहां 3 अक्टूबर तक रहेंगे।

राहु/ केतु :-

राहु-केतु छाया ग्रह माने गए हैं। सामान्य तौर पर दोनों की चाल वक्री होती है। लगभग 18 महीने तक दोनों एक राशि में गोचर करते हैं। राहु वर्तमान में कुंभ और केतु सिंह राशि में स्थित हैं।

नक्षत्र गोचर – 18 मई से 20 जुलाई तक राहु पूर्व भाद्रपद के तृतीय पद में रहेंगे। 20 जुलाई से 21 सितंबर तक राहु पूर्व भाद्रपद के दूसरे चरण में गोचर करेंगे। इसी तरह केतु उत्तराफाल्गुनी प्रथम पद गोचर कर रहे हैं। 20 जुलाई को केतु पूर्वाफाल्गुनी के चतुर्थ पद प्रवेश करेंगे, जहां वह 21 सितंबर तक रहेंगे।

जुलाई 2025 के प्रमुख तीज-त्योहार:

विवस्वत सप्तमी – 1 जुलाई, दिन मंगलवार
हरिशयनी एकादशी व्रत एवं श्री विष्णुशयनोत्सव – 6 जुलाई, दिन रविवार
गुरु पूर्णिमा – 10 जुलाई, दिन बृहस्पतिवार
श्रावण सोमवार व्रत प्रारंभ – 14 जुलाई, दिन सोमवार
श्रावण शिवरात्रि – 23 जुलाई, दिन बुधवार
हरियाली अमावस – 24 जुलाई, दिन बृहस्पतिवार
हरियाली तीज – 27 जुलाई, दिन रविवार
नाग पंचमी – 29 जुलाई, दिन मंगलवार
गोस्वामी तुलसीदास जयंती – 31 जुलाई दिन बृहस्पतिवार

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