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Vat Savitri Vrat 2021: वट सावित्री व्रत पर ऐसे करें पूजा, यहां जानें विधि

नई दिल्ली। हर साल ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या के दिन वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri Vrat) किया जाता है। ये व्रत पति की लम्बी उम्र के लिए किया जाता है। इस बार ये व्रत 10 जून, गुरुवार को पड़ रहा हैं। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा (Women Worship Banyan Tree) करती हैं, परिक्रमा करती हैं और कलावा बांधती हैं। इस बार शनि जयंती और सूर्य ग्रहण वाले दिन वट सावित्री व्रत पड़ रहा है।

वट सावित्री व्रत पूजा विधि

इस दिन महिलाएं सुबह उठकर नित्यकर्म से निवृत होने के बाद स्नान आदि कर शुद्ध हो जाएं। फिर नए वस्त्र पहनकर सोलह श्रृंगार करें। इसके बाद पूजन की सारी सामग्री को एक टोकरी, प्लेट या डलिया में सही से रख लें। फिर वट (बरगद) वृक्ष के नीचे सफाई करने के बाद वहां सभी सामग्री रखने के बाद स्थान ग्रहण करें। इसके बाद सबसे पहले सत्यवान और सावित्री की मूर्ति को वहां स्थापित करें। फिर अन्य सामग्री जैसे धूप, दीप, रोली, भिगोएं चने, सिंदूर आदि से पूजन करें।

इसके बाद लाल कपड़ा अर्पित करें और फल समर्पित करें। फिर बांस के पंखे से सावित्री-सत्यवान को हवा करें और बरगद के एक पत्ते को अपने बालों में लगाएं। इसके बाद धागे को पेड़ में लपेटते हुए जितना संभव हो सके 5,11, 21, 51 या 108 बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा करें। अंत में सावित्री-सत्यवान की कथा पंडितजी से सुनने के बाद उन्हें यथासंभव दक्षिणा दें या कथा खुद भी पढ़ सकती हैं। इसके बाद घर आकर उसी पंखें से अपने पति को हवा करें और उनका आशीर्वाद लें। फिर प्रसाद में चढ़े फल आदि ग्रहण करने के बाद शाम के वक्त मीठा भोजन करें।

वट सावित्री व्रत शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि प्रारम्भ: 9 जून 2021, दोपहर 01:57 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त: 10 जून 2021, शाम 04:22 बजे

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