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Vishnu Avatar: जानिए भगवान विष्णु के 10 अवतार, जिनके बारे में KBC में भी हुई चर्चा

नई दिल्ली। कौन बनेगा करोड़पति के 13वें सीजन में अमिताभ बच्चन ने हॉटसीट पर बैठी प्रतियोगी से सवाल किया। जिसमें पूछा गया कि भगवान विष्णु का दसवां अवतार किसे कहा जाता है। अवतारों की पहली व्यवस्थित सूची महाभारत में दी गई है। जिसमें विष्णु जी के अवतारों की संख्या 10 बताई गई है। लेकिन भागवत महापुराण की मानें तो इसमें यह संख्या 22 और 24 बताई गई है। महाभारत में श्रीकृष्ण के 10 अवतार बताए गए हैं।

मत्स्यावतार– पूर्व कल्प में श्री विष्णु भगवान ने मत्स्यावतार लिया था। जब उन्हें सत्यव्रत नामक राजा के नाम से जाना जाता था। कहा जाता है कि सातवें दिन प्रलयकाल आने पर वो सभी तरह के बीजों, जीवों तथा वेदों के साथ नौका पर बैठ जाएं। फिर भगवान ने महामत्स्य के रूप में उस नौका को प्रलय के अथाह जल पर तैराते हुए सबको बचा लिया।

कूर्मावतार– जब असुरराज बलि की अगुवाई में दानवों ने देवताओं को हरा दिया। तब भगवान विष्णु ने देवताओं से दानवों के साथ मिलकर समुद्र मंथन करने की बात कही थी। वहीं जब इस पर मंथन शुरू हुआ और मथनी बना मन्दराचल पर्वत डूबने लगा। उस समय भगवान विष्णु ने कूर्म रूप धारणकर किया।

वराहावतार– वराहावतार में ही भगवान विष्णु ने महासागर में डुबी पृथ्वी का उद्धार किया था। इतना ही नहीं उन्होंने हिरण्याक्ष नामक राक्षस का भी वध किया था।

नरसिंहावतार– हिरण्याक्ष के वध के बाद हिरण्यकशिपु ने तपस्या की। जहां उसे ऐसा वर मांगा कि देवताओं को हराकर सब तरफ अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया। वह भगवान विष्णु का विरोधी था। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद खुद विष्णु-भक्त था। उसने अफने पूत्र को विष्णु की भक्ति छोड़ने के लिए कहा लेकिन उसके बेटे ने उसकी बात नहीं मानी। जिस वजह से उसने अपने ही बेटे को मारना चाहा। तब अपने भक्त को बचाने के लिए भगवान ने नरसिंह का रूप लेकर हिरण्यकशिपु का वध कर दिया।

वामनावतार– ये कहानी तो सभी जानते हैं। विष्णु ने वामन यानि बौने रूप में जन्म लिया। उन्होंने दानवराज बलि की यज्ञशाला में जाकर उससे दान में तीन पग जमीन मांगी थी।

परशुरामावतार– ऋृषि परशुराम भी भगवान विष्णु के अवतार कहे जाते हैं। उन्होंने तब अन्यायी क्षत्रियों और विशेष तौर पर है। हयवंश का नाश करने के लिए अंशावतार ग्रहण किया।

रामावतार– भगवान राम भी विष्णुजी के ही अवतार हैं। उन्होंने वानर जातियों की सहायता से रावण का वध करके आर्यावर्त को अन्यायी राक्षसों से मुक्त कराया था।

कृष्णावतार– इस अवतार में भगवान विष्णु देव ने देवकी और वासुदेव के घर जन्म लिया था। लेकिन उनका लालन- पालन यशोदा और नंद ने किया था।

बुद्धावतार– जब हिन्दू धर्म में हिंसा ज्यादा हो रही थी तब भगवान ने अहिंसा के प्रबल उपदेशक बुद्ध के रूप में जन्म लिया।

कल्कि अवतार– भगवान का ऐसा अवतार अभी तक हुआ नहीं है। लेकिन कहा जाता है कि यह भगवान विष्णु का भविष्य का अवतार है। जब कलियुग का अंत होने वाला होगा, अत्याचार बहुत अधिक बढ़ जाएगा। तब संभल गांव में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर भगवान् कल्कि अवतार में आएंगे।

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