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Chandra Grahan 2022: क्या होता है सूतक? जानिए इस दौरान क्या करें क्या नहीं?

नई दिल्ली। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जब भी किसी प्रकार का ग्रहण लगता है उसके कुछ घंटों पहले सूतक काल की शुरुआत हो जाती है। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करना वर्जित माना जाता है। सूर्यग्रहण लगने पर 12 घंटे पहले से और चंद्र ग्रहण लगने पर 5 घंटे पहले से सूतक काल लग जाता है। सनातन धर्म में सूतक काल अशुभ माना जाता है यही कारण है कि इस दौरान पूजा-पाठ, धार्मिक-अनुष्ठान और शुभ कार्यों को करना वर्जित होता है। इतना ही नहीं, सूतक काल में मंदिर के पट भी बंद हो जाते हैं। ग्रहण के दौरान दैनिक कार्यों को करने के भी कुछ नियम होते हैं। इस समय मंत्रों का जाप किया जाता है और ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान कर दान आदि किया जाता है। इसके अतिरिक्त भी कई ऐसे कार्य हैं जो ग्रहण के समय नहीं करने चाहिए, तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो कार्य साथ ही जानते हैं इस दिन किए जाने वाले खास उपायों के बारे में…


क्या न करें

1. सूतक काल और ग्रहण की समाप्ति तक किसी भी शुभ काम को करना या देवी-देवताओं की पूजा करना वर्जित होता है।

2. किसी भी ग्रहण के समय भोजन पकाना या कुछ भी खाने-पीने पर पाबंदी होती है।

3. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सूर्य चंद्रमा नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर निकलना चाहिए।

4. सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान तुलसी समेत किसी भी पवित्र पेड़-पौधे नहीं छूना चाहिए।

क्या करें
1. सूतक काल के प्रभावी होने से पहले ही भोजन आदि खाद्य सामग्री में तुलसी की पत्तियां डाल देनी चाहिए।

2. सूतक और ग्रहण काल में ईष्ट देवी-देवताओं का ध्यान और स्मरण करना चाहिए।

3. ग्रहण के असर को कम करने के लिए निरंतर मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए।

4. ग्रहण समाप्त होने के बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़क कर उसका शुद्धीकरण करना चाहिए।

5. ग्रहण के दौरान दान करना काफी अच्छा माना जाता है।

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