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Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?, कैसे करें भगवान शिव की पूजा, यहां जानिए

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नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पूजे जाने वाले 33 करोड़ देवी-देवताओं में भगवान शंकर का विशेष महत्व है। त्रिदेवों में से एक देव शिवजी के व्रत, पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। शिवजी से संबंधित महाशिवरात्रि का पर्व, शिव उपासकों के लिए बहुत बड़ा उत्सव है। फाल्गुल मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। महाशिवरात्रि में रात जागरण का भी विधान है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन रुद्राभिषेक करना भी काफी शुभ माना जाता है। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। हालांकि भोलेनाथ को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना बेहद आवश्यक है। महाशिवरात्रि पर अगर कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाए, तो व्रत और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। शिवलिंग पर कुछ चीजों को चढ़ाना एकदम वर्जित है, इसलिए भूल कर भी इन चीजों को शिवलिंग पर न चढ़ाएं, अन्यथा अनजाने में आप भोलेनाथ को अप्रसन्न कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं ऐसी कौन सी चीजें हैं, जिन्हें शिवलिंग पर भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए…

शिवलिंग पर कौन सी चीजें न चढ़ाएं?

1.हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को भूलकर भी तुलसी पत्रों का अर्पण नहीं करना चाहिए। इससे शिवजी अप्रसन्न हो जाते हैं।

2.महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर पैकेट वाला दूध बिल्कुल भी नहीं चढ़ाना चाहिए, साथ ही इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए, कि शिवलिंग पर ठंढ़ा दूध ही चढ़ाएं।

3.महाशिवरात्रि के दिन भूलकर भी शिवलिंग पर चंपा या केतली के पुष्प अर्पित नहीं करना चाहिए।

4.इस दिन शिवलिंग पर टूटे हुए चावल अर्पित करना भी अशुभ होता है।

5.कटे-फटे बेल पत्र शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित है।

6.शिवलिंग पर कुमकुम का तिलक करना निषेध होता है। हालांकि माता पार्वती और भगवान गणेश को कुमकुम का तिलक लगाने की मनाही नहीं है।

महाशिवरात्रि पर कैसे करें शिव की पूजा?

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, महाशिवरात्रि में मिट्टी या तांबे के पात्र में पंचामृत भर कर शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। ये पंचामृत दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल के मिश्रण से बनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर चार पहर की पूजा करने वाले लोगों को पहले पहर में जल, दूसरे पहर में दही, तीसरे पहर में घी और चौथे पहर में शहद से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroompost इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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