नई दिल्ली। भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2023) के नाम से जानी जाती है। ये दिन खास तौर पर भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन विधि पूर्वक मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है साथ ही व्रत भी रखा जाता है। इस साल 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी। इस दिन गुरुवार है। अनंत चतुर्दशी के दिन प्रथम पूज्य गणेश का विसर्जन भी किया जाता है ऐसे में इस दिन की महत्ता और भी बढ़ जाती है। अनंत चतुर्दशी 2023 (Anant Chaturdashi) को लेकर मान्यता है कि जो भी विष्णु जी को इस दिन विधि पूर्वक उपासना के बाद रक्षा सूत्र बांधता है तो उस व्यक्ति के सभी काम बनने लगते हैं। रुके हुए कामों में गति आने लगती है। चलिए जानते हैं इस साल अनंत चतुर्दशी पर क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त, कैसे करनी है पूजा और क्या है इसका महत्व…
कब है अनंत चतुर्दशी? (Anant Chaturdashi 2023 Kab Hai)
भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 27 सितंबर को रात 10 बजकर 18 मिनट से शुरू हो रही है। ये तिथि अगले दिन 28 सितंबर शाम 6 बजकर 49 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से अनंत चतुर्दशी इस साल 2023 में 28 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी।
अनंत चतुर्दशी पर इस तरह से करें पूजा
- सुबह जल्दी उठे और स्नान के बाद साफ वस्त्रों को धारण करें।
- अब घर के मंदिर को साफ कर वहां भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को प्रणाम करें।
- अब जो लोग व्रत रख रहे हैं वो व्रत का संकल्प लें।
- पूरे घर में गंगा जल छिड़के।
- सूर्यदेव को जल चढ़ाएं।
- एक चौकी लेकर इसपर लाल या फिर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।
- अब इसमें विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करके एक कलश भी रखें।
- विष्णु जी को इस दिन रक्षा सूत्र अर्पित करने होते हैं। ऐसे में जितने परिवार के सदस्य हैं उतने रक्षा सूत्र लेकर भगवान को अर्पित करें।
- अब फल, फूल, धूप-दीप और नैवेद्य से विष्णु जी और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
- आरती उतारने के बाद अनंत चतुर्दशी की कथा सुने और प्रसाद वितरित करें।
क्या है अनंत चतुर्दशी का महत्व
अनंत चतुर्दशी के दिन श्रीहरि और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने से व्यक्ति लंबी बीमारी से छुटकारा पाता है। ऐसे लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होने लगता है। जिन लोगों के घरों में सुख शांति कम हो गई हो उन्हें भी इस दिन व्रत और पूजा-पाठ जरूर करनी चाहिए। धन-संपत्ति में फायदे के लिए भी आप इस दिन विष्णु जी की पूजा और श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करें। आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।