नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में साल भर हर महीने कोई न कोई व्रत या त्योहार मनाया जाता है। उन्हीं व्रत में से एक है महालक्ष्मी का व्रत। इस पर्व की शुरूआत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से हो जाती है। धन की देवी महालक्ष्मी (Laxmi ji) को समर्पित ये त्योहार पूरे 16 दिनों तक मनाया जाता है। इस व्रत में महिलाएं 16 दिनों तक मां लक्ष्मी का उपवास रखकर विधि-विधान से उनकी पूजा करती हैं। पूरी श्रद्धा और नियम से महालक्ष्मी का व्रत रखने से देवी प्रसन्न होकर भक्तों को धन और वैभव का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। तो आइए आपको बताते हैं कब से शुरू हो रहा है ये व्रत? क्या है इसका महत्व और शुभ मुहूर्त…
महालक्ष्मी व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि कल यानी 3 सितंबर 2022 को पड़ रही है। इसका शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर 4 सितम्बर 2022, की सुबह 10 बजकर 39 पर समाप्त हो जाएगा। 16 दिनों तक चलने वाले इस व्रत का समापन अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हो जाता है, जो 17 सितंबर 2022 को पड़ रही है। उदयातिथि के अनुसार, महालक्ष्मी का व्रत 4 सितंबर को रखा जाएगा।
महालक्ष्मी व्रत का महत्व
भविष्य पुराण में वर्णित कथा के अनुसार जब एक बार चौपड़ के खेल में पांडवों ने कौरवों से हारकर सब कुछ गंवा दिया था तो धर्मराज युधिष्ठिर द्वारा श्रीकृष्ण से आर्थिक संकट से उबरने का उपाय पूछने पर उन्होंने महालक्ष्मी का व्रत करने की सलाह दी थी। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से मां लक्ष्मी तो प्रसन्न होती ही हैं, साथ ही आर्थिक संकट भी दूर होता है। घर से दरिद्रता दूर होती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।