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Makar Sankranti 2022: कब है मकर संक्रांति, क्या है मुहूर्त और इसका महत्व?, जानिए सबकुछ

Makar Sankranti

नई दिल्ली। 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार देशभर में धूम-धाम के साथ मनाया जाएगा। मकर संक्रांति का पर्व कई और नामों से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इन दिन किए गए दान-पुण्य का फल बाकि दिनों में किए गए दान से कई गुना ज्यादा फलदायी होता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलते हैं। इसके अलावा शुक्र का उदय भी मकर संक्रांति पर ही होता है। ऐसे में मकर संक्रांति से सभी शुभ कामों की शुरूआत हो जाती है। मकर संक्रांति से ऋतु में भी परिवर्तन होने लगता है। इस दिन से शरद ऋतु क्षीण होने लगती है। वहीं, बसंत का आगमन हो जाता है। तो चलिए आपको इस लेख में बताया है कब है मकर संक्रांति और क्या है इसका मुहूर्त

मकर संक्रांति मुहूर्त (Makar Sankranti Shubh Muhurat)

14 जनवरी पुण्य काल मुहूर्त- 2 बजकर 12 मिनट से शाम 5 बजकर 45 मिनट तक
महापुण्य काल मुहूर्त- 2 बजकर 12 मिनट से 2 बजकर 36 मिनट तक (अवधि कुल 24 मिनट)

दान करना होता है शुभ

मकर संक्राति के त्योहार को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना का खास महत्व होता है। इस दिन किए गए दान का फल बाकी दिनों में किए गए दान से कई गुना ज्यादा रहता है।  पंजाब, यूपी, बिहार और तमिलनाडु में मकर संक्रांति का दिन नई फसल काटने का समय होता है। ऐसे में किसान इसे आभार दिवस के इसे मनाते हैं। इस दिन तिल और गुड़ की बनी मिठाई भी बांटी जाती है। इसके अलावा कई जगहों पर पतंग उड़ाने की भी परंपरा है।

मकर संक्रांति का क्या है महत्व

वैसे तो हिंदू धर्म में हर त्योहार का अपना अलग महत्व होता है। कुछ इस तरह ही मकर संक्रांति का दिन है। माना जाता है मकर संक्रांति के दिन गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लेने से मोक्ष मिलता है। इस दिन तिल-गुड़, चावल-दाल की खिचड़ी आदि का दान करना शुभ माना जाता है। कई जगहों पर इस दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है। मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के दौरान सूर्यदेव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति के जीवन में कई तरह के सुखद बदलाव भी आते हैं।

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