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Paush Amavasya: कब है साल 2024 की पहली पौष अमावस्या, तप और स्नान का है विशेष महत्व

नई दिल्ली। हर महीने अमावस्या आती है और हर अमावस्या का अपना अलग महत्व होता है। नए साल की शुरुआत के साथ ही साल की पहली अमावस्या, पौष अमावस्या भी 11 जनवरी को पड़ने वाली है। पितरों और मां लक्ष्मी के पूजन के लिए ये अमावस्या का काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन नदी में स्नान और दान और जप का बहुत महत्व होता है। अपने पितरों को शांति देने के लिए लोग भोज का आयोजन भी करते हैं। तो चलिए जानते हैं कि पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन किन खास चीजों का ख्याल रखना चाहिए।

पौष अमावस्या का मुहूर्त

11 जनवरी को पड़ने वाले पौष अमावस्या का मुहूर्त 10 जनवरी की रात 8 बजकर 13 मिनट से शुरू होगा और 11 जनवरी को 5 बजकर 29 मिनट कर रहेगी।

कैसे करें पूजा और व्रत

जो लोग अपने पितरों को शांति प्रदान करना चाहते हैं, वो इस दिन पितरों को तर्पण करते हैं। इसके लिए सुबह उठकर किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान किया जाता है..और सूरज देवता को जल चढ़ाया जाता है। सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे में जल भरे और जल में फूल और चंदन डालकर अर्घ्य दें। अगर आप पितरों के लिए व्रत रख रहे हैं तो इसका संकल्प लेना न भूलें।


आज के दिन दान-दक्षिणा का बहुत महत्व होता है। आज के दिन साबुत अनाज, दाल, फल, कपड़ों का दान कर सकते हैं। इसके अलावा गरीब और भूखे लोगों को खाना खिलाने का भी विधान हैं।आज के दिन पीपल के पेड़ और तुलसी के पौधे की पूजा का भी बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन इन दोनों पेड़ या पौधे की परिक्रमा करने से शुभ फल मिलता है।

मां लक्ष्मी की पूजा का भी है विधान

हिंदू पौराणिक कथाओं में पौष अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। माना जाता है कि  पौष अमावस्या की पूर्व संध्या पर माता लक्ष्मी की पूजा से धन-धान्य की वर्षा होती है।

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