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Sharadiya Navratri 2022: क्यों मनाते हैं शारदीय नवरात्रि, जानिए क्या है इसकी पौराणिक कथा?

नई दिल्ली। हिंदू धर्म के त्योहारों में नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। मां शक्ति को समर्पित ये त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है, जिसमें से पहला चैत्र मास में और दूसरा आश्विन मास में आता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की शुरूआत प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है और दशमी तिथि को इसका समापन हो जाता है। नवरात्रि के समापन के दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। इस बार ये त्योहार 26 सितंबर को शुरू होगा और इसका समापन 5 अक्टूबर 2022 को हो जाएगा। जब ये त्योहार शीघ्र ही आने वाला है तो आइए आपको इसे मनाने के पीछे के कारणों और इसकी पौराणिक कथा के विषय में बताते हैं।

क्यों मनाई जाती है शारदीय नवरात्रि?

सनातन धर्म में प्रचलित पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दौरान शक्ति की अधिष्ठाता देवी मां दुर्गा ने दैत्य महिषासुर का वध करके संसार की आसुरी शक्तियों से रक्षा की थी। महिषासुर और मां दुर्गा के मध्य नौ दिनों तक युद्ध चला था दसवें दिन उन्होंने उसका वध कर दिया था। वो समय आश्विन मास का था। यही कारण है कि आश्विन माह में नौ दिनों तक मां शक्ति के नौ स्वरूपों की आराधना करने का नियम है। इसके अलावा, आश्विन मास से शरद ऋतु की भी शुरूआत होती है,  इसलिए इसे शारदीय के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि का 10वां दिन विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में प्रचलित एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान श्रीरामजी रावण का वधकर बुराईयों का अंत करना चाहते थे।

उनके इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए देवर्षि नारद ने भगवान राम को नवरात्रि का व्रत रखकर पूजा करने का परामर्श दिया था। श्री राम ने नौ दिनों तक मां शक्ति की उपासना करने के बाद दसवें दिन रावण का वध किया था। तभी से नवरात्रि का व्रत मनोकामनाओं की पूर्ति करने की प्रथा चली आ रही है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroompost इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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