नई दिल्ली। गंगा भले ही नदी है लेकिन हिन्दू धर्म में इसे मां का दर्जा दिया गया है। कहा जाता है कि अगर कोई भी व्यक्ति गंगा में जाकर स्नान कर ले तो उसके सभी पाप खत्म हो जाते हैं। गंगा स्नान का व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक असर पड़ता है। व्यक्ति के जीवन से नकारात्मकता खत्म होने लगती है और वो सकारात्मकता की तरफ बढ़ने लगता है। हर साल मां गंगा से जुड़े दो त्योहार हिन्दू धर्म में मनाए जाते हैं। पहला है गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) और दूसरा है गंगा दशहरा (Ganga Dussehra)। इन दोनों की उत्सवों का हिन्दू धर्म में काफी महत्व होता है। आज 27 अप्रैल 2023 को गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2023 Date) का त्योहार मनाया जा रहा है। चलिए आपको बताते हैं क्या है गंगा सप्तमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त, कैसे करनी है पूजा और किन उपायों से आपको होगा फायदा…
गंगा सप्तमी 2023 तिथि (Ganga Saptami 2023 Tithi)
वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि प्रारंभ- 26 अप्रैल 2023 को सुबह 11 बजकर 27 मिनट से
वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि समाप्त- 27 अप्रैल 2023 को दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक
गंगा सप्तमी 2023 पर पूजा का शुभ मुहूर्त (Ganga Saptami 2023 Muhurat)
गंगा सप्तमी पर पूजा का शुभ समय 27 अप्रैल 2023 को सुबह 11 बजकर 7 मिनट से दोपहर 1 बजकर 43 तक रहेगा. वहीं, ब्रह्म मुहूर्त की बात करें तो ये 27 अप्रैल 2023 को सुबह 4 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर सुबह 5 बजकर 1 तक रहेगा.
गंगा सप्तमी इस तरह से पूजा और महत्व (Ganga Saptami Upay or Puja Vidhi)
जैसा की नाम से ही साफ है गंगा की इस दिन पूजा की जाती है। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में आपको उठकर गंगा नदी में जाकर स्नान करना चाहिए। अगर संभव न हो तो आप इस दिन नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इससे भी आपको अपने पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्नान के बाद मां गंगा को अर्घ्य देते हुए आप (ॐ श्री गंगे नमः) का उच्चारण करें।
गंगा सप्तमी पर जरूर करें ये काम
गंगा सप्तमी पर तिल का काफी महत्व होता है ऐसे में आप इस दिन तिल का दान जरूर करें और गंगा घाट पर पूजा करें।