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Vishnu Pooja: सुखी वैवाहिक और पारिवारिक जीवन के लिए करें भगवान विष्णु की पूजा, लेकिन रखें इस बात का ध्यान

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में हर दिन खास होता है और दिन के हिसाब से देवताओं की पूजा का विधान है। हिंदू धर्म के अनुसार 9 ग्रह की भी पूजा का विधान है। इसी में से एक ग्रह है गुरु, इनकी पूजा का विशेष विधान है। कहते हैं गुरु की पूजा से जीवन में सबकुछ उत्तम होता है। गुरु केवल राशियों में नाम नहीं बल्कि इसे सच में गुरु की उपाधि दी गई है। हमारे धर्म शास्त्र की मानें तो ‘गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दिया बताय’ मतलब साफ कि हमारे जीवन में सबसे ऊंचा स्था गुरु का है। चाहे वह हमें किताबी ज्ञान दें या हमें विचारों का ज्ञान। गुरु की महिमा हमेशा सर्वोपरि है। ऐसे में गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।

ऐसे में जो भक्त सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा इस दिन करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। खासकर सुखी वैवाहिक और पारिवारिक जीवन के लिए भगवान विष्णु के पूजन को बेहद खास माना जाता है।

ऐसे में हिंदू धर्म शास्त्रों में ये लिखा गया है कि जो भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करते हैं उन्हें जीवन के सभी संकटों से छुटकारा मिल जाता है। भगवान विष्णु को जगत का पालनकर्ता कहा जाता है। ऐसे में पौराणिक मान्यताओं की मानें तो गुरुवार के भगवान विष्णु की पूजा करने से सारे कष्ट खत्म हो जाते हैं। ऐसे में गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने के साथ भगवान बृहस्पति देव की कथा जो जातक सुनते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

भगवान विष्णु के पूजन से धन की कमी दूर होने के साथ बुद्धि और शक्ति बढ़ती है और इससे ग्रह क्लेश भी दूर होते हैं। इस गुरुवार के व्रत में भगवान विष्णु को गुड़ और चने का प्रसाद अर्पित किया जाता है।

हिंदू मान्यता की मानें तो गुरु केवल ग्रह का रूप नहीं है बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करने वाले देवता हैं। ऐसे में भगवान विष्णु के पूजन से मनवांछित जीवनसाथी मिलता है साथ ही भक्त का वैवाहिक जीवन काफी सुखद होता है। इसके साथ ही करियर में भी सफलता मिलती है।

‘ऊं नमो नारायणा’ के मंत्र के साथ बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की अगर पूजा की जाए तो सभी मनवांछित फल मिलता है। यह मंत्र कम से कम 108 बार जाप करने से सुख-समृद्धि और करियर में सफलता मिलती है। भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा में दूध, दही और घी से बने पीले व्यंजनों का भोग लगाने का विधान है। ऐसे में यह विधान है कि इस दिन एक ही बार पूजा के बाद उपवास के बाद मीठा और पीला भोजन ग्रहण करें।

इसके साथ ही गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करना चाहिए ऐसी मान्यता है कि इसमें भगवान विष्णु का वास होता है। और इस पेड़ को भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है। इस दिन केवल खाने में ही पीले खाद्यान का नहीं बल्कि पहनने के लिए भी पीले वस्त्र का उपयोग करना चाहिए साथ ही दान में भी पीली वस्तुओं को देना चाहिए।

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