नई दिल्ली। हिंदू धर्म में सूर्य देव प्रमुख देवताओं में से एक माने जाते हैं। रविवार को लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों के कष्टों का निवारण होता है। सूर्य भगवान भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं। ये एक ऐसे देवता हैं जिनके हम रोज दर्शन करते हैं। हर दिन उनके दर्शन करने से मन पावन होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि रविवार को सूर्य देव की उपासना की जाती है।
रविवार को सूर्य देव की उपासना करने से सभी कष्टों का नाश होता है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है। सूर्य देव की पूजा करने के बाद उनकी आरती करनी चाहिए। कहा जाता है कि रविवार के दिन सूर्य देव की आरती करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सूर्य देव आरती
जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित,विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सकल – सुकर्म – प्रसविता,सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
कमल-समूह विकासक,नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरतअति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
नेत्र-व्याधि हर सुरवर,भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि विमोचन संतत,परहित व्रतधारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सूर्यदेव करुणाकर,अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान-मोह सब,तत्त्वज्ञान दीजै॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।