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झूठ की दुकान हो गई है कांग्रेस, ऐसा लगता है जैसे पाकिस्तानी प्रचारतंत्र का साझा एजेंडा चला रही हो

जब पाकिस्तान एक झूठ गढ़ता है, और वही झूठ कांग्रेस के माध्यम से भारत की ज़मीन पर दोहराया जाता है तो एक सुनियोजित दुष्प्रचार का हिस्सा बन जाता है। ये देशहित में ठीक नहीं है, खतरनाक है।

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस झूठ पर झूठ बोलने में आमादा है। देश के नेतृत्व पर सवाल उठाना, राजनीति के लिए किसी भी मुद्दे को तूल देकर जनमानस को भ्रमित करना, कांग्रेस का आजकल यही काम रह गया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर देश के सैन्य बलों ने पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई की तो कांग्रेस ने इस कार्रवाई पर भी सवाल उठाए, लोगों को गुमराह करने की कोशिश की।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद जब भाजपा ने देश के लोगों को इस बारे में बताने के लिए सिंदूर यात्रा निकालने की घोषणा की तो कांग्रेस ने एक नया शिगूफा छोड़ा कि भाजपा की तरफ से आपके घर की महिलाओं के लिए सिंदूर भिजवाया जा रहा है, जिसे उन्हें अपनी मांग में भरना है। अब जाहिर है इस तरह का झूठा नैरेटिव खड़ा किया जाएगा तो जनमानस की भावनाएं भड़केंगी ही। सिंदूर मांग में भरने जैसी बात से कौन भारतीय महिला नाराज नहीं होगी, किसको रोष नहीं होगा?
सिंदूर यात्रा का उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की गाथा को जन—जन तक पहुंचाने का है, न की महिलाओं के लिए सिंदूर भेजे जाने से कोई बात है, लेकिन कांग्रेस समर्थक सोशल मीडिया हैंडल से लगातार यह अफवाह उड़ाई जा रही है कि मानो केंद्र सरकार महिलाओं के लिए लाल डिब्बे में सिंदूर भिजवा रही हो।

एक राजनीतिक दल इस तरह के ओछेपन पर उतरता है तो चिंता होना स्वाभाविक है कि आखिर कांग्रेस ऐसा क्यों कर रही है। कांग्रेस हर मुद्दे पर विरोध करने के चक्कर में राष्ट्रहित से विमुख होती जा रही है। कांग्रेस का यह आरोप कि केंद्र सरकार सिंदूर भेज रही है, एक बेहद बचकाना प्रोपेगेंडा है। दरअसल, वह यह समझने को तैयार ही नहीं कि यह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम एक प्रतीक है, संस्कृति और सम्मान का, उस शक्ति का जो अब आतंक के ठिकानों को सिर्फ गिनती नहीं, खत्म करना जानती है। लेकिन कांग्रेस है कि इस पर वितंडा खड़ा कर उस अभियान की गरिमा को ठेस पहुंचा रही है, जिसने आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकी हमले का जवाब दिया।

कांग्रेस का यह झूठ सुनियोजित है, जब 26/11 जैसा आतंकी हमला हुआ तो कांग्रेस ने चुप्पी साध ली थी। पाकिस्तान की सीधी—सीधी संलिप्तता के बारे में पता चलने के बाद भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया था। ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने झूठा नैरेटिव गढ़कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। इससे पहले जब पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकियों के ठिकाने पर एयर स्ट्राइक की थी, तब कांग्रेस के नेताओं ने इसके सबूत मांगे थे। प्रियंका गांधी ने यह तक कहा था कि हमें नहीं पता कि क्या हुआ है। यहां तक कि इस कार्रवाई को चुनावों में वोट पाने से जोड़ दिया था।

कोविड काल में भी कांग्रेस ने झूठ की दुकान चलाई। जब पूरा विश्व महामारी से जूझ रहा था। जनता में बदहवासी थी ऐसे में भी कांग्रेस भ्रम फैलाने से बाज नहीं आई। तक राहुल गांधी ने वैक्सीन पर संदेह फैलाया, प्रधानमंत्री की अपील का उपहास उड़ाया। खुद राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि यह मोदी वैक्सीन है, सोच समझकर लगवाएं, ऐसी परिस्थितियों में जब लोगों को भरोसा देना चाहिए था तब भी कांग्रेसी नेता भ्रम फैला रहे थे। कांग्रेस द्वारा मणिपुर हिंसा को लेकर दुनिया भर में गलत तस्वीरें प्रसारित की गईं, इसमें म्यांमार और बांग्लादेश की तस्वीरें भारत के नाम पर वायरल की गई। क्या यह ओछापन नहीं?

हाल ही में पाकिस्तान मीडिया ने खबर चलाई कि रूस और पाकिस्तान के बीच अरबों डॉलर की डील हुई है। रूस के दूत और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार के बीच हुई मुलाकात को सनसनीखेज बनाकर पेश किया गया। उसी दिन से कांग्रेसियों ने यह अफवाह उड़ानी शुरू कर दी कि भारत का मित्र रूस अब पाकिस्तान के करीब हो रहा है, यह मोदी सरकार की कूटनीतिक विफलता है। जैसे ही यह खबर उड़ी रूस की तरफ से तत्काल बयान आया कि उसकी पाकिस्तान के साथ ऐसी कोई डील नहीं हो रही, और यह अफवाह भारत और रूस की रणनीतिक साझेदारी को बिगाड़ने की कोशिश है। रूस ने यह भी कहा कि यह दुष्प्रचार ऐसे समय फैलाया जा रहा है जब भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया है।

जब पाकिस्तान एक झूठ गढ़ता है, और वही झूठ कांग्रेस के माध्यम से भारत की ज़मीन पर दोहराया जाता है तो एक सुनियोजित दुष्प्रचार का हिस्सा बन जाता है। ये देशहित में ठीक नहीं है, खतरनाक है। झूठ महज एक राजनीतिक हथियार नहीं होता, यह समाज के ताने-बाने को तोड़ने वाला जहर है। सोशल मीडिया की दुनिया में अफवाहें तेजी से फैलती हैं, कांग्रेस यह जानती है इसलिए वह अपने राजनीतिक फायदे के लिए किसी भी हद तक गिर रही है।

आज हमारा देश एक निर्णायक मोड़ पर है। एक तरफ तो भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, दूसरी तरफ भारत सीमा पर और भीतर षड्यंत्रकारियों से जूझ रहा है। सरकार जब आतंकियों पर हमला करती है, तो उसकी कार्रवाई पर सवाल उठाए जाते हैं। जब विदेश नीति में भारत मजबूती दिखाता है, तो भीतर से ही उसकी काट के लिए बयान दिए जाते हैं। कांग्रेस जिस राह पर चल रही है वह घातक है। पहले ही जनता में अपना विश्वास खो चुकी है, जनता को तय करना है कि वह उनके साथ खड़ी होगी जो देश के लिए जान की बाज़ी लगा रहे हैं, या उनके साथ जो एक के बाद एक झूठ पर झूठ गढ़कर राष्ट्रविरोधी तत्वों को ताकत देने का काम कर रहे हैं।

डिस्कलेमर: उपरोक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं ।

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