Happy Teacher's Day 2023: आज स्कूली शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालयी शिक्षा तक निजी संस्थानों की भरमार हो गयी है। इन निजी संस्थानों का प्रबंधन अपने यहाँ कार्यरत शिक्षकों को गुलाम या नौकर से अधिक कुछ नहीं समझता। उनकी सेवा अवधि भी प्रबंधन की कृपापर्यन्त ही होती है। प्रबंधन की भौंहें टेढ़ी होते ही सेवामुक्त होना सामान्य-सी बात है। इन निजी संस्थानों में प्रायः कम वेतन देकर अधिक सर्वाधिक खटाया जाता है।
Raksha Bandhan 2023: प्राचीन ग्रंथों में विशेषतः इसका प्रमुख सूत्र मिला वे थे नारद पुराण और भविष्य पुराण (उत्तर पर्व १३७)। वहां लिखा है कि जब देवासुर संग्राम में असुर पराजित हुए तब वे अपने गुरु शुक्राचार्य के पास इस हार का कारण जानने पहुंचे। शुक्राचार्य ने बताया कि इंद्राणी शची ने इंद्र की कलाई पर एक रक्षा सूत्र उनकी सुरक्षा के लिए बांधा था। उसी रक्षा सूत्र ने उन्हें बचाया। यह कथा कृष्ण ने युधिष्ठिर को बतलाई थी और इसको करने की विधि भी बताई थी।
पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील जी आम्बेकर का कहना था की हर युवा को अपने छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बेनर तले निकलना चाहिए। जिससे की वह देश के विकास में अपनी भूमिका को एक सकारात्मक दिशा में लगा सकें और आज विद्यार्थी परिषद के बैनर तले निकले कहीं कार्यकर्ता हुए जिनमें गिरीश कुलकर्णी, अशोक भगत, डॉ. प्रसाद देवधर,जमशेद खान, इम्तियाज अली, मनोज सिन्हा, सतीश मराठे ऐसे और भी कहीं कार्यकर्ता हैं।
इस पुस्तक में चीन को लेकर पाठकों के ज्ञानचक्षुओं को आश्चर्यचकित रूप से खोलने वाले और अनेकों मिथकों को तोड़ने वाले 22 छोटे छोटे अध्याय हैं। किसी भी पुस्तक का प्राक्कथन अथवा आमुख पढ़ना बहुत महत्वपूर्ण होता है। बहुत से पाठक कई बार प्राक्कथन नहीं पढ़ते हैं। ऐसी गलती या महाभूल इस पुस्तक के साथ मत करियेगा; ऐसी विनम्र प्रार्थना पाठकों से है।
Himachal Pradesh: कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने बताया था कि पहाड़ी राज्य हिमाचल पर लगभग 76 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है। लेकिन वास्तविकता कुछ ऐसी है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के गले की फास बन रही हैं उनकी चुनावी 'फ्री' घोषणाएं, कर्मचारियों का मासिक वेतन, पेंशन आदि। विकास के कार्य अभी ठंडे बस्ते में हैं।
विभाजित और पराजित हिंदू समाज निराश और कुंठित था। लम्बे इस्लामी शासन ने उसे असहाय, आत्मविश्वासहीन और अस्थिर बना दिया था। भारत का बौद्धिक परिदृश्य क्रमशः बंजर हो रहा था और सांस्कृतिक सूर्य अस्ताचल की ओर बढ़ रहा था। 'म्लेच्छाक्रान्त देशेषु' जैसे विषम वातावरण में भारत मां के देशभक्त सपूत शिवाजी का उदय धूमकेतु की तरह होता है। उन्होंने एक महान हिंदवी साम्राज्य की स्थापना करते हुए विभाजनकारी और दमनकारी इस्लामी शासन का प्रतिरोध किया।
World Environment day 2023: यह भी इसलिए हुआ कि वे वायुमंडल को देशों की सीमाओं के अनुरूप विभक्त नहीं कर सके। अन्यथा भूमि और जल प्रदूषण की कारक आर्थिक क्रियाओं को कम विकसित देशों की भौगोलिक सीमाओं में स्थानांतरित कर इनसे जुडे प्रदूषण को भी उन देशों की स्थानिक समस्या मान लिया गया है।
शिवराज सिंह का विश्वास कि यह एकात्म धाम विश्व को दिशा देगा और शांति का मार्ग प्रशस्त करेगा। वास्तविकता में अपने कार्य और स्वरूप को प्राप्त करने के लिए तैयार हो उठा है। अतीत में जाएं और देखें कि कैसे पहले प्रदेश की 23 हजार ग्राम पंचायतों में एकात्म यात्रा निकलती हैं और तय किया जाता है कि वहां की पवित्र मिट्टी से एकात्म धाम आकार लेगा। उसके बाद आप देखते हैा कि पुण्य पर्वत मांधाता पर आज एक नए लोक का निर्माण होना शुरू हो जाता है।
charles III: यह वास्तव में हैरान करने वाला है कि रिकॉर्ड स्तर पर बेरोजगारी और जीवनयापन के गंभीर संकट से त्रस्त देश में करदाताओं ने दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक के राज्याभिषेक को वित्त पोषित किया। इस कार्यक्रम के व्यय का अनुमान $100 मिलियन से अधिक है। एक अनिर्वाचित, वंशानुगत राज्य प्रमुख पर इतना सार्वजनिक धन खर्च किया जा रहा है, यह अनैतिक और अकल्पनीय है।