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अब सस्ते भाव में स्वदेशी पेपर तैयार करेंगे प्रगतिशील किसान

Kanwal Singh Chauhan

सितंबर 2020 में जिस प्रगतिशील किसान के कार्य की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कि थी। वही किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वोकल फोर लोकल के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए नए कृतिमान स्थापित करने की ओर आग्रसर है। देश के प्रगतिशील किसान (पद्मश्री) कंवलसिंह चौहान आमतौर पर सब्जी और आयुर्वेदिक दवा के रुप में प्रयोग होने वाला सहजन के पेड़ से स्वदेशी कागज तैयार होगा। जिससे सहजन उगाने वाले किसान भी मालामाल होंगे।

पद्मश्री कंवलसिंह चौहान ने बताया कि भारत में कागज बनाने की 639 कारखाने हैं जोकि फिलहाल सभी बंद पड़ी हैं। बंद होने का केवल एक ही कारण है कि उसमें लगने वाली लागत करीब 80 रुपए होता था, और चायना से वही कागज हमको 60 रुपए किलोग्राम के हिसाब से मिल जाता है। वो भी हमें काफी महंगा पड़ता है। इसलिए अब वह हरियाणा के सोनीपत जिले के पद्मश्री गांव अटेरना में 30 रुपए किलो के हिसाब से सहजन के पेड़ों से कागज तैयार करेंगे। देश के अंदर सहजन से इतनी कम लागत में कागज तैयार करने वाला यह उनका पहला उद्योग होगा। जिससे तीन प्रकार के उत्पाद बनेंगे। एक तो कैटल फीड, एक आयुर्वेदिक दवाईयों में प्रयोग होने वाली चूर्ण और तीसरा उससे कागज तैयार होगा। जोकि घाटे का सौदा नहीं है।

कंवलसिंह चौहान ने बताया है कि इसका शिलान्यास पिछले दिनों सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुधीर गर्ग ने किया साथ ही इसका निरिक्षण भी किया था। कंवलसिंह चौहान ने बताया कि इसके लिए उन्हें प्ररेणा स्वदेशी जागरण मंच संगठन से मिली है कि किस प्रकार हम स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह उद्योग आत्मनिर्भर योजना के तहत लगाई जा रही है।

साल में दो लाख रुपए प्रति एकड़ की कमाई

कंवलसिंह चौहान ने बताया कि एक एकड़ जमीन में एक साल में दो लाख रुपए प्रति एकड़ की कमाई किसानों की होगी। सहजन लगाने में ज्यादा खाद पानी की आवश्यता नहीं होती है। इससे पर्यावरण की भी रक्षा होगी और दो रुपए प्रति किलो के हिसाब से सहजन प्रोसेसिंग यूनिट में खरीदा जाएगा।

एक बार बीज बोइए, चार साल चलेगा

तेजी से बढ़ने वाले इस सहजन को खेत की मेढ़ में आसानी से लगाया जा सकता है। एक एकड़ में करीब 20 हजार सहजन के पौधे लगेंगे। जिससे ढ़ाई महीने में पेड़ काटने लायक हो जाते हैं। इस पत्तियां, टहनियां, और तने के कुछ भाग को काटकर प्रयोग में लाया जाता है। जिसके बाद एक बार बोने के बाद चार साल तक इसको दोबारा बोने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

औषधीय गुण से भरपूर है सहजन

सहजन की छाल, पत्ती, जड़ आदि से आयुर्वेदिक दवा तैयार की जाती है। इसमें 92 तरह के मल्टी विटामिन, 46 तरह के एंटी ऑक्सीडेंट गुण, 36 तरह के दर्द निवारक व 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं। दूध की तुलना में इसमें चार गुणा पोटाशियम व संतरा की तुलना में सात गुणा विटामिन सी होता है।

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