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सत्ता के जहर को चखने के लिए लालायित राहुल गांधी को देश विरोधी मुद्दों के साथ खड़े होने से कोई गुरेज क्यों नहीं

राहुल गांधी 20 जनवरी 2013 को कांग्रेस उपाध्यक्ष बने थे, उपाध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने जब अपना पहला भाषण दिया था तब कहा था, "बीती रात मां सोनिया गांधी मेरे पास आईं और कहा कि सत्ता जहर के समान है, जो ताकत के साथ खतरे भी लाती है, यदि सत्ता जहर के समान है ही तो फिर राहुल गांधी सत्ता के इस जहर को चखने के लिए इतने क्यों लालायित हैं? वह सत्ता पाने के लिए देशविरोधी ताकतों के साथ क्यों खड़े नजर आते हैं? वह देश के लोकतंत्र में दखल देने के लिए अमेरिका और यूरोप को न्योता क्यों देते हैं?

राहुल गांधी 20 जनवरी 2013 को कांग्रेस उपाध्यक्ष बने थे, उपाध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने जब अपना पहला भाषण दिया था तब कहा था, “बीती रात मां सोनिया गांधी मेरे पास आईं और कहा कि सत्ता जहर के समान है, जो ताकत के साथ खतरे भी लाती है, यदि सत्ता जहर के समान है ही तो फिर राहुल गांधी सत्ता के इस जहर को चखने के लिए इतने क्यों लालायित हैं? वह सत्ता पाने के लिए देशविरोधी ताकतों के साथ क्यों खड़े नजर आते हैं? वह देश के लोकतंत्र में दखल देने के लिए अमेरिका और यूरोप को न्योता क्यों देते हैं?

शेयर से पैसा कमाया, फिर भी उठा रहे सवाल

हिंडनबर्ग मामले में राहुल गांधी ने सेबी पर सवाल उठाए हैं। वह कह रहे हैं कि शेयर बाजार पर नजर रखने की जिम्मेदारी सेबी की है लेकिन सेबी ने ही इससे समझौता कर लिया है। सेबी ही सवालों के घेरे में है। सेबी पर सवाल उठाने वाले राहुल गांधी ने खुद पिछले पांच महीने में शेयर बाजार में निवेश करके 46 लाख रुपए की कमाई की है। इस हिसाब से औसतन वह हर माह करीब 9 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं। यानी खुद शेयर बाजार से पैसा कमाएंगे लेकिन लोगों को बरगलाने के लिए झूठा बयान देंगे।

हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भी राहुल गांधी ने शेयर मार्केट से अपनी कमाई के बारे में हलफनामा में बताया था। इसके अनुसार राहुल गांधी ने शेयर मार्केट में कुल 4.33 करोड़ रुपए का निवेश किया हुआ है। जबकि म्यूचुअल फंड में 3.81 करोड़ रुपए का निवेश किया हुआ है। राहुल ने स्‍टॉक पोर्टफोलियो में आईसीआईसीआई बैंक, अल्काइल एमाइन्स, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, दीपक नाइट्राइट, डिवीज लैबोरेटरीज, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज , ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और टाइटन कंपनी में पैसा लगाया हुआ है।

सत्ता के लिए झूठे बयानों से भी गुरेज नहीं

झूठ बोलना, माहौल बिगाड़ने की कोशिश करना, सत्ता पाने के लिए हर देश विरोधी मुद्दे को तूल देकर झूठा विमर्श खड़ा करने की कोशिश करना, देश विरोधी ताकतों से हाथ मिलाना ये सब राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस कर रही है। राहुल गांधी हर देश हित के मुद्दे का विरोध करते हैं। सरकार के खिलाफ खड़े हो जाते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर, राफेल विमान खरीदने और चीन के साथ तनातनी के दौरान राहुल गांधी ने हमेशा विवादस्पद बयान दिए हैं।

2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद राहुल गांधी ने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी क्षेत्र में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगे थे। 2019 में ही जब जम्मू—कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया था। तब राहुल गांधी ने इस मामले पर पर ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है वह संविधान का उल्लंघन है। इस फैसले से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होगा।

लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी लंदन में जर्नलिस्ट एसोसिएशन नाम के एक संगठन के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। तब उन्होंने भारत में लोकतंत्र खत्म होने की बात कही थी और अमेरिका और यूरोप से भारत में दखल देने को कहा था। इसके बाद अमेरिका में भी राहुल गांधी ने यही बात दोहराई थी।

जब अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए भारत ने फ्रांस की कंपनी से राफेल विमान खरीदे तो राहुल गांधी ने इसकी खरीदारी में घोटाला होने की बात कहकर खूब शोर मचाया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को क्लीन चिट दी थी। इसके बाद भी राहुल गांधी लगातार टिप्पणी कर रहे थे। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में राफेल फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इस मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए अदालत इसमें दखल नहीं देगी।

2019 में राहुल गांधी ने झारखंड में एक रैली में भारत को दुनिया की ‘रेप कैपिटल’ बता दिया था। सीएए और एनआरसी को लेकर देशभर में कट्टरपंथियों ने प्रदर्शन किए थे। दिल्ली में दंगे भी हुए थे। देश हित में लिए गए इस निर्णय को राहुल गांधी ने ध्रुवीकरण का हथियार बताया था। उन्होंने कहा था नागरिकता संशोधन बिल और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) भारत में फासीवादियों की ओर से फैलाए गए बड़े ध्रुवीकरण का हथियार है। यही नहीं कांग्रेस ने लखनऊ में सीएए और एनआरसी कानून के विरोध में प्रदर्शन करने वाली सदफ जाफर को लखनऊ मध्य विधानसभा सीट से उम्मीदवार भी बनाया था।

सीमा पर चीन के साथ तनातनी के बीच राहुल गांधी ने असहज करने वाला बयान दिया था। अगस्त 2023 में लद्दाख गए राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ झूठ फैलाया था कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा कर लिया है। हाल ही में सदन में राहुल गांधी ने हिंदुओं पर सवाल उठाए थे। उन्होंने सदन में कहा था कि खुद को हिन्दू कहने वाले असल में हिन्दू नहीं हैं। उन्होंने हिंदुओं को हिंसक कहा था।

दरअसल सत्ता को जहर बताने वाले राहुल गांधी हर सूरत में सत्ता पाना चाहते हैं। इसके लिए वह पिछले दस सालों से हर तरह का प्रयास कर रहे हैं, ये बात दीगर है कि तमाम तरह के प्रोपेगेंडा के बाद भी देश की जनता उन्हें सत्ता सौंपने की इच्छुक नजर नहीं आ रही है। इसके चलते लगातार तीसरी बार कांग्रेस विपक्ष में है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी ने भरसक झूठ बोले, झूठे वायदे किए। उनकी कुछ सीटें तो जरूर बढ़ीं लेकिन सत्ता पाना अभी भी कांग्रेस के लिए दूर की कौड़ी ही है।

डिस्कलेमर: उपरोक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं ।

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