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Adani Takes Big Step: निवेशकों का भरोसा लौटाने के लिए अदानी ग्रुप ने उठाया सबसे अहम कदम, ग्रांट थॉर्नटन को दिया स्वतंत्र ऑडिट का जिम्मा

grant thornton and gautam adani

मुंबई। अदानी ग्रुप ने हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अपने शेयर्स की कीमत में लगातार गिरावट को थामने और हिंडेनबर्ग के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर ली है। अदानी ग्रुप ने पहले अमेरिका में हिंडेनबर्ग रिसर्च के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए बड़े लॉ फर्म को साथ लिया था। अब ग्रुप ने निवेशकों में भरोसा बढ़ाने के लिए अपनी कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट का फैसला किया है। इसके लिए अदानी ग्रुप ने नामचीन अकाउंटेंसी फर्म ग्रांट थॉर्नटन को जिम्मेदारी सौंपी है। हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अदानी की कंपनियों के शेयर्स लगातार गिर रहे हैं। इसके अलावा विदेशी बॉन्ड्स के रेट भी निवेशकों की बिकवाली से कम हो रहे हैं। ऐसे में ग्रांट थॉर्नटन को कंपनी के स्वतंत्र ऑडिट का जिम्मा सौंपने से अदानी ग्रुप निवेशकों में अपनी साख को फिर बढ़ाना चाहता है।

अदानी ने इससे पहले अमेरिका में अपने बॉन्ड का पेमेंट भी वक्त पर किया था। इसके अलावा करीब 8000 करोड़ रुपए का कर्ज भी 45 दिन में चुकता करने का एलान अदानी ने किया है। ये कर्ज वक्त से पहले लौटाकर अदानी ग्रुप निवेशकों को बताना चाहता है कि उसके पास रकम की दिक्कत नहीं है। हालांकि, इन सभी उपायों के बावजूद अदानी ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप गिरता जा रहा है। इस वजह से कभी दुनिया के तीसरे नंबर के अमीर रहे गौतम अदानी इस लिस्ट में सोमवार को और फिसलकर 23वें नंबर पर जा चुके हैं।

दूसरी तरफ, सेबी भी अदानी ग्रुप के मामले में हरकत में है। सेबी इस मामले की पड़ताल कर रहा है और जल्दी ही वित्त मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। केंद्र सरकार ने निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए सेबी को और धारदार बनाने की तैयारी भी की है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि शेयर बाजार के नियामक को और अधिकार देने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। इस कमेटी की सिफारिशों पर सेबी एक्ट में बदलाव किया जाएगा।

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