नई दिल्ली। दिल्ली में स्टार्टअप की नई नीति के लिए परामर्श प्रक्रिया को शुरू की गई है। स्टार्टअप के लिए दिल्ली को एक अग्रणी विकल्प के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके के लिए युवा उद्यमियों के साथ दिल्ली सरकार ने शनिवार को एक अहम बैठक बुलाई। दिल्ली सरकार जल्द ही एक स्टार्टअप नीति का मसौदा भी जारी करेगी। स्टार्ट-अप पॉलिसी पर आम जनता से इनपुट लेने के लिए एक ऑनलाइन फोरम शुरू किया जाएगा।
दिल्ली सरकार के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य उद्यमियों का समर्थन करना और एक मजबूत आर्थिक और बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है। यह प्रक्रिया नई नौकरियां पैदा करेगी और वर्तमान आर्थिक प्रणाली में नई प्रतिस्पर्धी गतिशीलता लाएगा। स्टार्टअप नीति परामर्श दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। सबसे पहले दिल्ली सरकार ने स्टार्टअप नीति का मसौदा का इनपुट लेने के लिए विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के नेतृत्व, उद्यमियों और नीति विशेषज्ञों को आमंत्रित किया।
प्रमुख व्यापारिक नेताओं और उद्यमियों ने इसमें रुचि व्यक्त की। बैठक में शामिल होने वाले उद्योगपतियों में अजय चौधरी (सह-संस्थापक, एचसीएल), राजन आनंदन (एमडी सिकोइया कैपिटल), पद्मजा रूपारेल (सह-संस्थापक, इंडियन एंजल नेटवर्क) और श्रीहरि मेजर जैसे युवा उद्यमी शामिल हैं।
सीईओ, स्विगी), फरीद अहसन (सह-संस्थापक, शेयरचैट), सुचिता सलवान (संस्थापक और सीईओ, लिटिल ब्लैक बुक), तरुण भल्ला (संस्थापक, अविश्कर), रियाज अमलानी, सीईओ और एमडी, इम्प्रेशैरियो हस्तनिर्मित रेस्तरां, भी इस नई स्टार्टअप नीति की प्रक्रिया में शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘अपने आईआईटी दिनों के बाद से, मैंने भारत के कुछ सबसे शानदार दिमागों को विदेशों में बेहतर अवसरों की तलाश में देखा है। मेरा मानना ? है कि भारतीय दुनिया के सबसे होशियार उद्यमी हैं और उन्हें सही अवसर और सही परिस्थितियों जरूरत की है। इस स्टार्ट-अप नीति के साथ, हमारा लक्ष्य दिल्ली को स्टार्ट-अप के लिए शीर्ष 5 वैश्विक स्थलों में से एक बनाना है।