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Alert: क्या आप भी करते हैं Cryptocurrency का इस्तेमाल, तो हो जाएं सावधान…एक साल में लुट गए 779 अरब रूपए

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नई दिल्ली। स्वयं इतिहास इस बात का जींवत साक्षी रहा है कि तकनीकियों का प्रादुर्भाव जहां मानवजाति की दैनिक गतिविधियों को सरल व सहज बनाता है, तो वहीं दूसरी तरफ उनके समक्ष चुनौतियों का अंबार भी खड़ा करता है। कुछ ऐसी ही स्थिति क्रिप्टोकरेंसी के उद्धव के नतीजतन मानव जीवन में देखने को मिल रही है। जहां एक तरफ क्रिप्टोरकरेंसी के उदभव ने लोगों के आर्थिक लेन-देन को सरल बनाने की दिशा में अपना अप्रीतम योगदान दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ कई तरह की वित्तीय दुश्वारियां भी पैदा की हैं। जिनके बारे में हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में बताने जा रहे हैं। तो पढ़िए पूरे तफसील से क्रिप्टोकरेंसी से जनित हुई दुश्वारियों के बारे में।

आपको बता दें कि एक आंकड़ा जारी किया गया है, जिससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी अब जालसाजी और दगाबाजी की नुमाइश करने का मंच बनता रहा है। अगर समय रहते इस पर विराम लगाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया तो आगामी दिनों में स्थिति आर्थिक दृष्टिकोण से चुनौतिपूर्ण हो सकती है। एक आंकड़े के मुताबिक, कुल 779 करोड़ रूपए अब तक क्रिप्टोकरेंसी के जरिए जालसाजी के भेंट चढ़ चुके हैं। Defi की वजह से यह क्रिप्टोकरेंसी में जालसाजी की गतिविधियां अपने चरम पर पहुंचती जा रही है। यह प्लेटफॉर्म लोगों को लेंडिंग और बोरिंग की छूट प्रदान करता है। यह सब कुछ क्रिप्टोकरेंसी के जरिए सरलता से हो जाता है। इसके इस्तेमाल के बाद से बैंक की आवश्यकता स्वत: खत्म हो जाती है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि ये तकनीक फाइनेंस सर्विस के लिए काफी उपयोगी है, जिसे ध्यान में रखते हुए लोग इसकी तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं।

कई निवेशक इस मंच पर कम ब्याज पर लोन देने की सुविधा भी प्रदान करते हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए लोग इसकी ओर काफी तेजी से बढ़ रहा है। 2021 में तो क्रिप्टोकरेंसी के जरिए जालसाजी का कारोबारी अपने चरम पर रहा ही है, लेकिन साल 2020 भी इस मामले में पीछे नहीं था। लंदन स्थित ब्‍लॉकचेन एनालिटिक्‍स Elliptic के मुताबिक Defi Apps के जरिए निवेशकों को 2020 से अब तक 12 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। अब जिस तरह क्रिप्टोकरेंसी कुछ लोगों के लिए लोगों को आर्थिक रूप से दगा देने का अड्डा बनता जा रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए अब इस पर अंकुश लगाने की दिशा में रूपरेखा तैयार करने पर चर्चा की जा रही है। अब देखना होगा कि निवेशकों समेत अन्य आर्थिक हितधारकों के सामने पैदा हो रही इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं, लेकिन इस रिपोर्ट में से इतना तो साफ हो चुका है कि वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी लोगों की झोली में सौगात के साथ-साथ चुनौतियां भी पैदा कर रहा है।

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