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Empowered Self-Help Groups: भविष्य में महामारी से निपटने के लिए स्वयं सहायता समूहों की भूमिका पर ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव ने दिया जोर

नई दिल्ली। भारत इस समय दुनिया के साथ ही कोरोनावायरस जैसी महामारी की चपेट में है। देश इससे लड़ाई भी लड़ रहा है। ऐसे में देश के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की भूमिका अग्रिम है। इसके जरिए देश के हर उस कोने तक पहुंचा जा सकता है जहां तक सामान्य रूप से पहुंचना मुश्किल है। इसके जरिए देश के सबसे कमजोर लोगों को तत्काल राहत और सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित किया जा रहा है। वर्तमान महामारी की स्थिति ने ग्रामीण समुदाय विशेषकर उन समूहों में शामिल महिलाओं पर गंभीर प्रभाव डाला है। जहां तक ​​भारत के ग्रामीण क्षेत्रों का सवाल है, भौतिक बुनियादी ढांचा चुनौती है लेकिन यहां का सामाजिक बुनियादी ढांचा बहुत मजबूत है। वितरण, प्रत्यक्ष विपणन, विज्ञापन और प्रचार, संचार लिंकेज आदि के लिए सामाजिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना ग्रामीण विकास में एसएचजी की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

ऐसे में इस मौके पर बोलते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा, मुख्य अतिथि के रूप में अपना संबोधन देते हुए कहा कि विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में COVID-19 महामारी के प्रबंधन में महिलाओं की उल्लेखनीय भूमिका के साथ सतत विकास को प्राप्त करने में CSR पहलों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ऐसे में इस पर जोर दिए जाने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के द्वारा निर्धारित लक्ष्य के लिए उन्होंने सीएसआर पहल और वित्त पोषण के साथ स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने के लिए कॉर्पोरेट की भूमिका पर भी जोर दिया।

इस मौके पर डॉ राजीव कांडपाल, जेएस और सीएफओ – गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस ने कहा कि एसएचजी के लिए “सरस कलेक्शन” प्लेटफॉर्म, स्टार्ट-अप रनवे प्लेटफॉर्म, महिला उद्यमियों के लिए “वोमेनिया” के साथ कई तरह से आदिवासी द्वारा तैयार उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने की पहल पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एसएचजी की स्केलिंग से ग्रामीण इलाकों में ज्यादा संख्या में लोकल जॉब तैयार करने में मदद मिल सकती है। ग्रामीण विकास में बेहतरीन छलांग के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और नवीन समाधान तैयार करना समय की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नेशनल सीएसआर नेटवर्क ई-मार्केटप्लेस का उपयोग करके SHG के लिए मार्केट लिंकेज बनाने में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकता है।

ग्रामीण विकास के लिए एसएचजी में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, डॉ सुहास वानी, पूर्व निदेशक, आईसीआरआईएसएटी और अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार, एशियाई विकास बैंक, मनीला ने कहा कि एसएचजी में काफी हद तक ग्रामीण महिलाएं एक अभिन्न और प्रभावी संचार चैनल के रूप में काम करती हैं और सामाजिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करती हैं। COVID-19 महामारी के दौरान उनकी भूमिका और पहुंच अत्यंत महत्वपूर्ण है। भोजन, पोषण और आय सुरक्षा के मुद्दों को महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा कुशलतापूर्वक नियंत्रित किया जाता है। मुझे लगता है कि राष्ट्रीय सीएसआर नेटवर्क एसएचजी की क्षमता बढ़ाने और प्रमुख हितधारकों, विशेष रूप से ग्रामीण विकास विभाग, भारत सरकार और गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस के साथ-साथ कॉर्पोरेट्स के बीच साझेदारी की सुविधा प्रदान करने में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है।

वहीं इस मौके पर वेलस्पन ग्रुप के निदेशक ब्रिगेडियर अतुल वाही ने कहा कि वेलस्पन के काम करने के तरीके में सामाजिक प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को हमेशा सुनिश्चित किया गया है और हमारे कॉर्पोरेट सामाजिक मूल्य निर्माण के लिए ई-शिक्षा, सशक्तिकरण, पर्यावरण और स्वास्थ्य पर हमारा ध्यान केंद्रित है। हमारे समूह ने समग्र रूप से ग्रामीण समुदाय के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने की दिशा में बहुत योगदान दिया है और इसके समावेशी विकास के सोच के अनुरूप है।

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