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WazirX: पहले भी जांच के घेरे में आई थी कंपनी, ED ने FEMA के तहत दिया था नोटिस

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मुंबई। जीएसटी चोरी की जद में आए क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीर एक्स पर पहले भी सरकारी जांच एजेंसियों ने सवाल खड़े किए थे। वजीर एक्स को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने इस साल जून में नोटिस भी जारी किया था। ये नोटिस कंपनी के डायरेक्टर निश्चल शेट्टी और समीर म्हात्रे को जारी किया गया था। उस वक्त मामला 2790 करोड़ से ज्यादा की क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का था। ईडी ने उस वक्त जारी बयान में कहा था कि वजीर एक्स के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट यानी FEMA के तहत कार्रवाई हो रही है। जांच में पहले पता चला था कि हजारों करोड़ के लेन-देन चीन के अवैध ऑनलाइन बेटिंग ऐप के जरिए किया गया।

ईडी ने इस पूरे लेन-देन को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बताया था। वजीर एक्स अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का प्लेटफॉर्म है। ईडी ने जून में अपनी जांच में पाया था कि वजीर एक्स के यूजर्स ने बिनांस अकाउंट्स नाम की कंपनी से 880 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी हासिल की। इसके अलावा 1400 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर भी की। ये सारे ट्रांजेक्शन ब्लॉकचेन पर भी मौजूद नहीं हैं। ईडी की जांच में ये भी पता चला था कि बिना वैध कागजात के ही किसी को भी किसी भी देश में क्रिप्टोकरेंसी भेजी जा सकती है। यानी इसका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।

बता दें कि वजीर एक्स पर अभी जीएसटी चोरी का आरोप लगा है। जीएसटी कमिश्नर ने जांच में पाया कि कंपनी ने करीब 40 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की। ये चोरी लंबे समय से की जा रही थी। कंपनी ने अपनी क्रिप्टोकरेंसी जारी की थी। इसे WRX COIN नाम दिया था। इस कॉइन से क्रिप्टो की खरीद और बिक्री पर जीएसटी नहीं ली जा रही थी और कंपनी सिर्फ अपना कमीशन ले रही थी। जबकि, भारतीय मुद्रा में लेन-देन पर कमीशन के साथ जीएसटी भी ली जा रही थी। इस तरह अपनी क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन कराकर सरकार को 40 करोड़ से ज्यादा की चोट दी गई थी। जिसे अब ब्याज और पेनाल्टी समेत वसूला गया है।

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