नई दिल्ली। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोअन को गिरफ्तार कर लिया है। बैंक घोटाले की जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में अभिमन्यु को अरेस्ट किया गया है। वो साल 2019 से 2024 तक न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में सीईओ कार्यरत थे। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा दो दिनों से बैंक के पूर्व सीईओ से पूछताछ कर रही थी, भोअन पुलिस के सवालों का संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/BREAKING?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#BREAKING</a> The Economic Offenses Wing (EOW) of Mumbai Police arrested Abhimanyu Bhoan, former CEO of New India Co-operative Bank (2019-2024), for not cooperating in the bank scam investigation. Despite two days of questioning, Bhoan failed to provide satisfactory answers, leading… <a href=”https://t.co/4NpYQj9yTK”>pic.twitter.com/4NpYQj9yTK</a></p>— IANS (@ians_india) <a href=”https://twitter.com/ians_india/status/1892904814356414532?ref_src=twsrc%5Etfw”>February 21, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला उजागर हुआ है। रिजर्व बैंक ने वित्तीय अनियमितता उजागर होने के बाद न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के काम काज पर फिलहाल 6 महीने के लिए रोक लगा दी है। घोटाला मामले में इससे पहले भी कुछ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर हितेश प्रवीणचंद मेहता के खिलाफ 122 करोड़ रुपए के रकम के गबन के आरोप में एफआईआर भी दर्ज की गई है। बैंक के जनरल मैनेजर पद पर रहते हुए हितेश मुंबई के दादर दादर और गोरेगांव ब्रांच की जिम्मेदारी संभालते थे। पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक बैंक में यह घोटाला साल 2020 से 2025 के बीच किया गया है।
उधर, बैंक के धाताधारक अपनी जमा रकम को निकालने के लिए परेशान हो रहे हैं। आपको बता दें कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) बैंक में खाता धारकों के 5 लाख रुपए तक की रकम का बीमा करता है। अगर बैंक डूबती है तो 5 लाख तक की रकम धाता धारकों को वापस मिल जाएगी। इससे पहले यह जानकारी भी सामने आई है कि इस बैंक के 1.3 लाख खाता धारकों में से 90 प्रतिशत से ज्यादा एकाउंट होल्डर ऐसे हैं जिनके खातों में पांच लाख रुपये तक की धनराशि डिपॉजिट है।