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Crypto: क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर बिना वॉरंट होगी गिरफ्तारी और 5 साल की कैद, ऐसा बनने जा रहा कानून

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नई दिल्ली। मोदी सरकार संसद के मौजूदा सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर कानून लाने जा रही है। अब तक ये पता नहीं चल रहा था कि कानून में आखिर होगा क्या। अब जानकारी मिल रही है कि कानून को बहुत सख्त बनाया जा सकता है। कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन को गैर जमानती धारा बनाया जा सकता है। इसके लिए बिना वॉरंट गिरफ्तारी और 5 साल तक की जेल का प्रावधान सरकार कर सकती है। साथ ही भारी-भरकम जुर्माने का प्रावधान भी कानून में किया जा सकता है। सूत्रों के हवाले से एक हिंदी अखबार ने बताया है कि बिल में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद और बिक्री, जमा करने वगैरा काम सिर्फ एक्सचेंज से किया जा सकेगा। नियमों को न मानने पर बिना वॉरंट गिरफ्तारी होगी और जमानत भी नहीं मिलेगी।

सूत्रों के हवाले से अखबार ने लिखा है कि अवैध क्रिप्टो की खरीद-बिक्री साबित होने पर 20 करोड़ रुपए जुर्माना और सजा का भी नियम बिल में होगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापनों पर भी रोक लगाई जाएगी।  बिल में क्रिप्टो को होल्ड करने वाले वॉलेट पर भी रोक लगाई जा सकती है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में करीब 8 से 10 करोड़ लोगों ने क्रिप्टो में निवेश किया है। क्रिप्टोकरेंसी संबंधी बिल में सरकार निवेशकों को संपत्ति की घोषणा और नए नियमों के पालन के लिए वक्त देगी। इससे साफ है कि क्रिप्टो पर बैन न लगाकर इसका नियमन किया जाएगा। सेबी को क्रिप्टो बाजार का नियामक बनाया जा सकता है।

बता दें कि पीएम मोदी और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टो को देश और युवाओं के लिए खतरा बताया था। मोदी ने सिडनी डायलॉग में अन्य देशों के नेताओं से भी अपील की थी कि वे क्रिप्टोकरेंसी पर कानून बनाएं। वहीं, रिजर्व बैंक के गवर्नर का कहना है कि क्रिप्टो को किसी सूरत में करेंसी नहीं माना जा सकता। उन्होंने इससे देश के आर्थिक तंत्र को खतरा बताया था और इस पर पूरी तरह बैन लगाने की मांग सरकार से की थी। माना जा रहा है कि सरकार इन्हीं सब वजहों से क्रिप्टो पर नियमन के लिए सख्त कानून लाने जा रही है।

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