नई दिल्ली। आयकर विभाग ने हाल ही में करदाताओं को कुछ लेनदेन के संबंध में उन्हें भेजे गए सलाहकार नोटिस के माध्यम से संवाद किया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है बल्कि सलाह साझा की गई है। इन सलाहों में करदाताओं द्वारा अपने आयकर रिटर्न में किए गए खुलासे और रिपोर्टिंग संस्थाओं से उपलब्ध जानकारी शामिल है, जो आधिकारिक नोटिस के रूप में काम नहीं करती है।विभाग ने स्पष्ट किया कि संचार का उद्देश्य करदाताओं को उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जागरूक करना है। यह करदाताओं को सूचित करता है कि वित्तीय वर्ष के दौरान रिपोर्टिंग संस्थाओं से आयकर विभाग को ज्ञात लेनदेन का विवरण उपलब्ध कराया गया है। इस जानकारी में कर विभाग को रिपोर्टिंग इकाइयों द्वारा प्रदान किए गए लेनदेन-संबंधी विवरण शामिल हैं।
आयकर विभाग ने कहा है, इस एडवाइजरी का उद्देश्य करदाताओं को आयकर विभाग के अनुपालन पोर्टल पर ऑनलाइन फीडबैक देने का अवसर प्रदान करना है। करदाताओं को अपने पहले दाखिल किए गए आयकर रिटर्न की समीक्षा करने और यदि आवश्यक हो, तो उन्हें संशोधित करने और संशोधित रिटर्न जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जिन लोगों ने अभी तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, विभाग उनसे तत्काल दाखिल करने का आग्रह करता है। आयकर विभाग करदाताओं को भेजी गई सलाह का तुरंत जवाब देने पर जोर देता है। गौरतलब है कि आकलन वर्ष 2023-24 के लिए संशोधित या विलंबित रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 दिसंबर, 2023 निर्धारित है।
Some references have come to the notice of the Income Tax Department regarding recent communication sent to taxpayers pertaining to transaction(s) made by them.
Taxpayers may pl note that such communication is to facilitate the taxpayers & make them aware of the information…
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) December 26, 2023
संचार करदाताओं के लिए अनुपालन और सुधार प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने के विभाग के इरादे पर प्रकाश डालता है। इसका उद्देश्य करदाताओं को उनके आयकर रिटर्न के संबंध में समय पर कार्रवाई को प्रोत्साहित करना और सुधार और फीडबैक उद्देश्यों के लिए उपलब्ध ऑनलाइन प्लेटफार्मों का लाभ उठाना है। आयकर विभाग के इस सक्रिय दृष्टिकोण का उद्देश्य करदाताओं को मूल्यांकन वर्ष 2023-24 के लिए 31 दिसंबर, 2023 की निर्धारित समय सीमा से पहले अपनी आयकर फाइलिंग में किसी भी विसंगति या गुम जानकारी को सुधारने का अवसर देते हुए पारदर्शिता और अनुपालन सुनिश्चित करना है।