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कोरोना महामारी के चलते जापान की अर्थव्यवस्था के रिकॉर्ड में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट!

नई दिल्ली। कोरोना के असर से पूरी दुनिया त्रस्त नजर आ रही है। इसका असर कई देशों की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल रहा है। कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन से सारो कारोबार ठप्प हुए तो बड़े-बड़े देशों की आर्थिक रूप से कमर टूटने लगी। ऐसे में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान में खपत और व्यापार पर बेहद बुरा असर पड़ा है। अप्रैल-जून तिमाही में जापान की अर्थव्यवस्था में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले सालाना 27.8 फीसदी की दर से गिरावट आई है। यह जापान की इकॉनोमी में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।

सोमवार को जारी रिपोर्ट में जापान के कैबिनेट कार्यालय ने कहा कि देश का प्रीलिमिनरी सीजनली एडजस्टेड रीयल ग्रॉस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट (जीडीपी) में जनवरी-मार्च तिमाही के मुकाबले 7.8 फीसदी की गिरावट आई है। सालाना दर का मतलब यह है कि यदि पूरे साल अर्थव्यवस्था में इसी दर से गिरावट होगी, तो सालाना गिरावट की क्या दर होगी। गौरतलब है कि जापान की इकॉनोमी जनवरी-मार्च तिमाही में ही मंदी में फंस चुकी है।

जापान की मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जापान की अर्थव्यवस्था में जो गिरावट आई है, वह दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी आर्थिक गिरावट है। लेकिन कैबिनेट कार्यालय ने कहा कि जापान ने इस तरह के आर्थिक आंकड़े 1980 से रखने शुरू किए हैं। पिछली सबसे बड़ी आर्थिक गिरावट 2009 में दर्ज की गई थी, जब पूरी दुनिया 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट से गुजर रही थी।

अक्टूबर-दिसंबर 2019 तिमाही में जापान की अर्थव्यवस्था में 1.8 फीसदी गिरावट दर्ज की गई थी। इसके बाद जनवरी-मार्च 2020 तिमाही में इकॉनोमी में 0.6 फीसदी की गिरावट आई। इसका मतलब यह हुआ कि जापान की अर्थव्यवस्था इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में ही मंदी में फंस चुकी है। लगातार दो तिमाहियों की आर्थिक गिरावट को आर्थिक मंदी कहा जाता है।

जून तिमाही में जापान के निर्यात में 56 फीसदी की सालाना दर से गिरावट आई। निजी खपत में इस दौरान करीब 29 फीसदी की सालाना दर से गिरावट आई। गौरतलब है कि कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए जापान में कभी भी कारोबार को पूरी तरह से बंद नहीं किया गया। देश में कोरोनावायरस के पुष्ट मामलों की संख्या 56,000 से ज्यादा हो चुकी है।

आपको बता दें कि जापान एक निर्यात पर आधारित अर्थव्यवस्था है। यह चीन के विकास पर बहुत ज्यादा निर्भर है। चीन से कोरोनावायरस शुरू हुआ और वहां अब इसका संक्रमण लगभग समाप्त हो चुका है। लेकिन मांग अब भी पूरी तरह से नहीं खुली है।

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