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रिलायंस फूड बाजार चेन का भी बना बादशाह, जानें क्यों रिटेल बिजनेस के फादर किशोर बियानी को बेचना पड़ा कारोबार

kishore biyani

नई दिल्ली। मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) ने फ्यूचर ग्रुप (Future Group) का रिटेल, होलसेल लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउस बिजनेस 24713 करोड़ रुपए में खरीद लिया है। इस मेगा डील से कंपनी की रिटेल कारोबार (Retail Business) में स्थिति और भी मजबूत हो जाएगी। फ्यूचर ग्रुप के रीटेल बिजनस पर कब्जा कर मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) भारत के रीटेल किंग बन गए हैं। इसके साथ ही किशोर बियानी (Kishore Biyani) जो फ्यूचर ग्रुप के मालिक हैं, उनके ऊपर भारी-भरकम कर्ज का बोझ भी दूर हो गया।

मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने फ्यूचर ग्रुप का रीटेल, होलसेल लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउस बिजनस 24 हजार 7 सौ 13 करोड़ में खरीद लिया है।

रीटेल बिजनस के फादर हैं बियानी

किशोर बियानी को भारत के ऑर्गनाइज्ड रीटेल बिजनस का फादर कहा जाता है। Erstwhile Manz Wear के नाम से उन्होंने 1987 में रीटेल बिजनस की शुरुआत की थी। बाद में उन्होंने 1997 में पेंटालून के साथ कारोबार को आगे बढ़ाया। उन्होंने पेंटालून के फ्रैंचाइजी मॉडल को काफी तेजी से बढ़ाया और देखते-देखते पूरे भारत में इसके स्टोर खुल गए। कम प्राइस की मदद से उन्होंने कस्टमर्स को लुभाया और यह काफी सफल भी रहा।

2001 में खुला था पहला बिग बाजार स्टोर

साल 2001 में भारत में पहला बिग बाजार स्टोर खोला गया था। 2008 की आर्थिक मंदी के बाद कंपनी के कारोबार पर काफी बुरा असर हुआ। धीरे-धीरे कर्ज का बोझ बढ़ता गया। मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2019 को फ्यूचर ग्रुप पर कुल कर्ज 10951 करोड़ था। 30 सितंबर 2019 को यह बढ़कर 12778 करोड़ पर पहुंच गया।

कर्ज कम करने के लिए किया पेंटालून में विनिवेश

2012 में कर्ज के बोझ को कम करने के लिए उन्होंने पेंटालून को बिरला ग्रुप को बेच दिया। यह डील 1600 करोड़ में हुई थी और उस समय ग्रुप पर कुल 7850 करोड़ का कर्ज था। उसके बाद लगातार कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ता गया हालांकि रीटेल बिजनस को बढ़ाने के लिए किशोर बियानी ने कई कंपनियों को खरीदा और रीटेल स्टोर की संख्या में तेजी से इजाफा किया।

भारत में बदल चुका रीटेल बिजनस

पिछले पांच सालों में भारत का रीटेल बिजनस जिस तरह शिफ्ट किया है उससे कंपनी को काफी नुकसान हुआ है। 2014 में ऐमजॉन ने कहा कि वह भारत में 2 अरब डॉलर निवेश करेगा। 2018 में वालमार्ट ने 16 अरब डॉलर में फ्लिपकार्ट को खरीद लिया। इसके बाद भारत में बहुत तेजी से ऑनलाइन रीटेल बिजनस ग्रो किया।

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