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Monetisation: अफवाह पर मत जाइए, बेचेगी नहीं किराए पर निजी क्षेत्र को संपत्तियां देने जा रही है मोदी सरकार

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सरकारी संपत्तियों के मॉनेटाइजेशन के रोडमैप का खुलासा किया था। इसके बाद आरोप लगने लगे कि मोदी सरकार देश की संपत्तियों की बिक्री करने जा रही है। अब सीतारमण ने बताया है कि सरकारी संपत्तियां बेचे जाने की बात महज अफवाह है। सरकार ऐसी किसी भी संपत्ति को किसी भी सूरत में नहीं बेचेगी। उन्होंने कहा है कि इन संपत्तियों को निजी क्षेत्र को किराए पर दिया जाएगा। इससे सरकार को 6 लाख करोड़ की आमदनी अगले चार साल में होगी। दरअसल, सरकारी संपत्तियों को बेचने की अफवाह इस वजह से उड़ी थी क्योंकि मोदी सरकार ने पहले ही दो सरकारी बैंकों को बेचने का बजट में एलान किया था।

बता दें कि सरकार निजी क्षेत्र को सड़क निर्माण, रेलवे, कोयला खदान, गैस पाइपलाइन, बिजली और एयरपोर्ट जैसी सरकारी संपत्तियां किराए पर देने की तैयारी कर रही है। सिर्फ सड़क निर्माण का काम निजी क्षेत्र को देने से 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए की आमदनी सरकार को होगी। यानी निजी क्षेत्र सड़क बनाएगा, टोल वसूलेगा और फिर एक निश्चित समयसीमा के बाद सरकार को ये सड़कें वापस दे देगा। इसी तरह कोयला खदान भी पट्टे के तहत निजी क्षेत्र को दिए जाएंगे। इससे भी सरकार को काफी आमदनी होगी। कई एयरपोर्ट सरकार पहले ही निजी क्षेत्र को दे चुकी है। देश के सभी एयरपोर्ट के विकास के लिए उन्हें निजी क्षेत्र को एक तय वक्त के लिए देने का फैसला मोदी सरकार ने पहले किया था।

पेट्रोलियम और नेचुरल गैस के कई कुओं को पहले ही निजी क्षेत्र को दिया जा चुका है। अब सरकार की नजर टेलीकॉम क्षेत्र में और प्राइवेटाइजेशन करने की है। कोरोना की वजह से सरकार की आमदनी को गहरा धक्का लगा था। इस वजह से भी सरकार जल्दी से मॉनेटाइजेशन का काम करने की तैयारी कर रही है।

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