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मुथूट ग्रुप के अध्यक्ष एम जी जॉर्ज मुथूट नहीं रहे, कंपनी ने इनके नेतृत्व में हासिल की कई उपलब्धियां

नई दिल्ली। मुथूट ग्रुप के चेयरमैन एम जी जॉर्ज मुथूट का आज निधन हो गया। उनके कुशल नेतृत्व में कंपनी ने कई नई ऊंचाइयों को छुआ। उनके प्रयासों का ही नतीजा था कि इस कंपनी के गोल्ड लोन सेक्टर को पूरे भारत में सभी लोग जानते हैं। मुथूट फाइनेंस ने फाइनेंस सेक्टर में एक अलग स्थान बना रखा है। इस कंपनी का ग्राहकों के साथ विश्वास का रिश्ता एम जी जॉर्ज मुथूट के सक्षम नेतृत्व का ही नतीजा था।


जानें एम जी जॉर्ज मुथूट के बारे में

एम जी जॉर्ज मुथूट मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक थे और उन्होंने हॉर्वर्ड बिजनेस स्कूल में विभिन्न कार्यकारी प्रबंधन पाठ्यक्रमों में भाग लिया था। वह कम उम्र में पारिवारिक व्यवसाय मुथूट ग्रुप में शामिल हो गए और 1979 में इसके प्रबंध निदेशक बन गए। उन्होंने 1993 में समूह के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला।

एम जी जॉर्ज मुथूट के सक्षम नेतृत्व में मुथूट ग्रुप ने अपने दायरे को बढ़ाया और आज यह कंपनी देश का एक बड़ा व्यवसाय समूह है। जिसके भारत और विदेशों में 20 विविध डिवीजन शामिल हैं। एम जी जॉर्ज मुथूट के नेतृत्व में मुथूट फाइनेंस लिमिटेड समूह की प्रमुख कंपनी भारत की सबसे बड़ी गोल्ड फाइनेंसिंग कंपनी बन गई। वहीं यह 1000 करोड़ नेट प्रॉफिट क्लब में शामिल होने वाली भारत की पहली एनबीएफसी भी बनी।

एम जी जॉर्ज मुथूट को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें नरेंद्र मोदी की पहली सरकार के समय केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा AIMA इमर्जिंग बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर और मणिपाल विश्वविद्यालय द्वारा ‘Distinguished and Outstanding Alumnus of the Year Award’अवार्ड दिया गया। कुछ अन्य पुरस्कारों में लाइफस्टाइल आइकन ऑफ द ईयर, स्कोच फाइनेंशियल इंक्लूजन अवार्ड, बिजनेस लीडरशिप में उत्कृष्टता के लिए गोल्डन पीकॉक अवार्ड, कॉर्पोरेट गवर्नेंस, एचआर और सीएसआर और एनआरआई भारत सम्मान पुरस्कार शामिल है।

वह वर्तमान में फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य थे और केरल राज्य परिषद में अध्यक्ष के पद पर भी थे। वह मालाकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के ले ट्रस्टी भी थे।

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