नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना आजकल जैसे फैशन बनता जा रहा है।कई आर्थिक मामलों की जानकारी रखने वाले लोग मानते हैं कि यह निवेश नहीं बल्कि पूरी तरह से सट्टेबाजी है। अगर इसको बढ़ने की इजाजत दी गई, तो ये अगले वित्तीय संकट की वजह बन सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यह चेतावनी दी। उन्होंने साथ ही बिटकॉइन जैसे साधनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की। दास ऐसे साधनों के प्रबल विरोधी रहे हैं और आरबीआई इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय तक गया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से जुड़े बड़े जोखिम शामिल हैं और हम इस बारे में हमेशा जानकारी देते रहे हैं।
RBI यानि भारत रिजर्व बैंक पहले भी क्रिप्टोकरेंसी के संभावित खतरों के बारे में निवेशकों को आगाह करता आया है। इससे पहले भी आरबीआई गवर्नर ने पिछले एक साल के घटनाक्रम इस तरह के साधनों से पैदा होने वाले खतरों के बारे में बात की है। इनमें क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स का धराशायी होना शामिल है, जो अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में से एक है।