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कोरोनावायरस के खिलाफ जंग के बीच फोन-पे ने शुरू किया ‘आई फॉर इंडिया’ अभियान

बेंगलुरू। डिजिटल भुगतान कंपनी फोन-पे ने कोरोना वायरस के विरुद्ध जारी लड़ाई के मद्देनजर पीएम राष्ट्रीय राहत कोष के लिए 100 करोड़ रुपये जुटाने का अभियान शुरू करने के बाद अब एक और ‘आई फॉर इंडिया’ अभियान शुरू किया है। कंपनी ने हैशटैग ‘आई फॉर इंडिया’ नामक राष्ट्रीय आंदोलन के शुभारंभ की घोषणा की, जिसमें भारत को कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न असाधारण चुनौतियों से लड़ने में मदद मिलेगी।

‘आई फॉर इंडिया’ अभियान हर भारतीय से अपील है कि वह देश की जनता को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए सरकारी एजेंसियों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पुलिसकर्मियों और आपातकालीन कर्मचारियों का समर्थन करें, जो लॉकडाउन अवधि के दौरान चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। भारत में 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है, जिसमें विभिन्न लोगों से लेकर संगठन व कंपनियां सहयोग कर रही हैं।

‘आई फॉर इंडिया’ अभियान में शामिल होने के लिए फोन-पे ने कम से कम 10 करोड़ भारतीयों से पीएम निधि में दान करने के लिए कहा है। कंपनी ने कहा कि यह 30 अप्रैल, 2020 तक यूपीआई का उपयोग करके फोन-पे ऐप के माध्यम से पीएम केयर फंड में दान करने वाले प्रत्येक भारतीय के साथ कंपनी की ओर से भी 10 रुपये का योगदान किया जाएगा। इस तरह से फोन-पे ने अधिकतम 100 करोड़ रुपये का योगदान करने का वादा किया है।

फोन पे ने पांच दिन पहले अपना दान अभियान शुरू किया था, और 10 लाख से अधिक भारतीयों ने फोन-पे ऐप के माध्यम से पीएम केयर फंड में दान किया है। कंपनी ने गुरुवार को पीएम केयर फंड में एक करोड़ रुपये का दान दिया। फोन-पे के संस्थापक और सीईओ समीर निगम ने एक बयान में कहा, “नया आई फॉर इंडिया अभियान हमारे 100 करोड़ रुपये जुटाने के अभियान की शानदार प्रतिक्रिया का प्रतिबिंब है।”

निगम ने कहा, “10 लाख से अधिक लोग पहले ही पांच दिनों से कम समय में हमारे ऐप के माध्यम से पीएम केयर कोष में दान कर चुके हैं। इसलिए अब हम प्रत्येक भारतीयों से इसके लिए एकजुट होने और अपने समय और धन के सहयोग की अपील करते हैं। एक रुपया या एक लाख मायने नहीं रखता है, बल्कि हर भारतीय का समर्थन मायने रखता है।”

फोन-पे ने कहा है कि यूपीआई के माध्यम से किए गए सभी दान सीधे दान करने वालों के बैंक खाते से पीएम केयर फंड बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिए जाएंगे। ये दान आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के तहत 100 प्रतिशत कर छूट के लिए मान्य होगा।

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