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Ratan Tata: कभी फोर्ड ने रतन टाटा को किया था अपमानित, अब Ford पर करने जा रहे एक एहसान, गुजरात और तमिलनाडु प्लांट खरीदने की तैयारी

नई दिल्ली। कहते हैं कई बार बेइज्जत होना जरूरी होता है, तभी कुछ ऐसा करने का जुनून आपके अंदर आता है जो आपको ऐसे मुकाम पर पहुंचने में मदद करता है जहां लोग पहुंचने के सपने देखते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ था रतन टाटा के साथ जब साल 1999 में फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन बिल फोर्ड ने भारत की सबसे बड़ी औद्योगिक हस्ती रतन टाटा को उनकी औकात दिखाने की कोशिश की थी। दरअसल, हुआ कुछ ऐसा था कि साल 1999 में जब टाटा की इंडिका फेल हो रही थी तो रतन टाटा ने इसे फोर्ड को बेचने की कोशिश की लेकिन फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन बिल फोर्ड ने रतन टाटा से कहा कि जब पैसेंजर कार बनाने का कोई अनुभव नहीं था तो उन्होंने ऐसी बचकाना हरकत की ही क्यों। हम आपका कार बिजनस खरीद कर आप पर एहसान ही करेंगे। बिल फोर्ड की इस बात ने रतन टाटा को इस तरह से हिला कर रख दिया कि उसी रात उन्होंने कार बिजनस बेचने का फैसला टाल दिया। जिसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत कर अपनी कंपनी को इस मुकाम पर पहुंचाया जहां अब हर कोई उनकी अलग पहचान से वाकिफ है।

वहीं अब देश के दिग्गज कारोबारी समूह टाटा मोटर्स जिसे साल 1999 में फोर्ड मोटर्स के कारण बेइज्जत होना पड़ा था उसकी मदद के लिए आगे आई है। बता दें, वर्तमान समय में नुकसान के बाद अपने कारोबार को बंद करने का फैसला कर चुके फोर्ड मोटर्स के लिए आगे आए हैं उन्होंने (टाटा मोटर्स) फोर्ड मोटर्स के तमिलनाडु और गुजरात प्लांट को खरीदने के लिए शुरुआती बातचीत की है। सूत्रों से इस बारें में जानकारी मिल रही है। अगर ये सौदा पूरा होता है तो ये एक तरह टाटा मोटर्स द्वारा अमेरिका की दिग्गज कार कंपनी से किए गए दूसरा सबसे बड़े सौदे में से एक होगा। बता दें, साल 2008, मार्च में भारत की टाटा मोटर्स ने फोर्ड से जगुवार लैंड रोवर को 2.3 अरब डॉलर में खरीद लिया था।

फोर्ड को मिलेगी मदद

टाटा मोटर्स अगर फोर्ड के साथ ये सौदा करते हैं तो उसके लिए काफी मददगार रहेगा क्योंकि वो काफी समय से नुकसान झेल रहा है। इसके साथ ही कंपनी को इलेक्ट्रिक और ऑटोमेटेड व्हीकल कैटेगरी में निवेश करने में सहायता मिलेगी।

बढ़ते घाटे से परेशान फोर्ड

बता दें, अमेरिका की दिग्गज कार कंपनी फोर्ड मोटर्स बीते कई सालों से नुकसान का सामना कर रही है जिससे उसने भारत की दोनों मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में ताला लगाने का फैसला लिया है। फोर्ड मोटर्स के इस फैसले से साणंद और चेन्नई यूनिट में काम कर रहे 4000 से अधिक लोगों की नौकरी पर भी संकट छा गया है।

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