नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमले को दो महीने हो गए हैं। इन दो महीनों में दुनिया के ज्यादातर देशों की आर्थिक हालत खराब हुई है। हर तरफ महंगाई का दबाव है। देशों की मुद्रा के भाव गिरे हैं। यहां तक कि अमेरिका के डॉलर की हालत भी डगमगाई है, लेकिन इन सबके बीच भारत के लिए अच्छी खबर हो सकती है। रूस से व्यापार में रुपए और रूबल से कारोबार करने का रास्ता खुल रहा है। इससे रुपए की स्थिति मजबूत हो सकती है। रुपए की मजबूती की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में भी जबरदस्त बढ़ोतरी के आसार हैं।
रूस और भारत के बीच हाल के दिनों में काफी व्यापार हुआ है। रूस से भारत सस्ते में कच्चा तेल खरीद रहा है। रूस ने इसके लिए रुपए और रूबल के इस्तेमाल को मंजूरी दी है। यानी रूस कोई चीज भारत से खरीदेगा, तो उसे रुपए में भुगतान करेगा और भारत कच्चा तेल रूस से खरीदेगा, तो उसे रूबल में भुगतान करेगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक रूस ने अब भारत को रूबल और रुपए में ही आपसी व्यापार करने का ऑफर दिया है। इससे रुपया आने वाले दिनों में काफी मजबूत हो सकता है। जिससे दुनिया में उसकी धाक जम सकती है।
अब बात कर लेते हैं रूसी मुद्रा रूबल की। यूक्रेन पर हमले के बाद रूबल की हालत काफी खराब हो गई थी। 10 मार्च की बात करें, तो डॉलर के मुकाबले रूबल अपने सबसे कम स्तर पर गिर गया था, लेकिन बीते कुछ दिनों में रूबल ने काफी ऊंचाई छुई है। आज यानी 30 अप्रैल को 1 रूबल 0.0136666 अमेरिकी डॉलर का हो गया है। हालांकि, साल 2012 के स्तर के मुकाबले अब भी इसकी कीमत काफी कम है, लेकिन अमेरिका और यूरोपीय देशों की तरफ से रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बीच रूबल की कीमत लगातार अच्छी हो रही है। इससे रूपए को भी काफी फायदा होने की उम्मीद है।