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OTP Based Cash Withdrawal Rule: SBI के एटीएम से पैसे निकालने से पहले जान लें ये जरूरी नियम, बैंक ने दी है जानकारी

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नई दिल्ली। अगर आप भी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहक है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, बैंक अपने ग्राहकों की सुरक्षा और धोखाधड़ी से बचाने के मद्देनजर समय-समय पर बदलाव करता रहता है। देशभर में बढ़ रहे एटीएम कार्ड फ्रॉड को लेकर बैंक सख्त हो गया है। बैंक की ओर से 1 जनवरी 2020 से एटीएम से ट्रांजैक्शन को और ज्यादा सेफ बनाने के लिए OTP बेस्ड ट्रांजैक्शन की शुरुआत की गई थी। इसके बाद भी समय-समय पर एसबीआई ग्राहकों अलर्ट करने के लिए नए बदलाव लाता रहा है। अब एक बार फिर बैंक ने कस्टमर्स के पैसों की सुरक्षा के लिए एटीएम कार्ड से बढ़ते फ्रॉड (ATM fraud) को देखते हुए एटीएम से पैसे निकालते वक्त ओटीपी (OTP) दर्ज करने को कहा है।

क्या है नया नियम?

एटीएम कार्ड से हो रही धोखाधड़ी से बचाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने ग्राहकों को ओटीपी (OTP) आधारित एटीएम से नकद निकासी की सुविधा दी है। ये सुविधा (नियम) 10,000 और उससे ज्यादा की रकम निकाले जाने पर लगेगी। ये सुविधा SBI के ग्राहकों को बैंक खाते से उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी और उनके डेबिट कार्ड पिन के साथ हर बार अपने एटीएम से ₹10,000 और उससे ज्यादा की रकम निकालने की अनुमति देती है।

SBI ने किया है ये ट्वीट

एसबीआई ने हाल ही में इस संबंध में एक ट्वीट कर कहा है, “एसबीआई एटीएम में लेनदेन के लिए हमारी ओटीपी आधारित नकद निकासी प्रणाली धोखेबाजों के खिलाफ vaccination है। आपको धोखाधड़ी से बचाना हमेशा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।”

कैसे काम करती है OTP आधारित नकद निकासी प्रणाली

1. सबसे पहले SBI के ग्राहक को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा।
2. इस ओटीपी को ग्राहक एंटर करके एटीएम से पैसे निकाल सकेंगे।
3. OTP एक चार डिजिट की संख्या होगी जिससे एक बार ट्रांजैक्शन किया जा सकेगा।
4. ये सुविधा ग्राहक कार्ड होल्डर्स को ये अनऑथराइज्ड एटीएम कैश विड्रॉल से बचाएगा।

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