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गुड़ न्यूज! SBI को हुआ हुआ रिकॉर्ड मुनाफा, चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ उछला इतना ज्यादा

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक SBI का Q4 का रिजल्‍ट काफी शानदार रहा है। एसबीआई का मुनाफा बढ़कर 3,581 करोड़ रुपये रहा है जो पिछले साल की इसी तिमाही में 838.4 करोड़ रुपये रहा था। सालाना आधार पर बैंक का नेट प्रॉफिट 14488 करोड़ रुपए रहा जबकि पहले के कारोबारी साल में यह 862 करोड़ रुपए था।

 

बैंक को अब तक इतना ज्‍यादा मुनाफा नहीं हुआ। लइसका मुख्य कारण क्रेडिट कार्ड कारोबार से जुड़ी अनुषंगी कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री और फंसे कर्ज में कमी आना है। हालांकि, बैंक का 2019-20 की चौथी तिमाही में लाभ तिमाही दर तिमाही आधार पर कम है। इससे पिछली दिसंबर तिमाही में एसबीआई को 5,583.36 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।

एसबीई के अनुसार, ‘बैंक को 2019-20 की चौथी तिमाही में 3,581 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ जो 2018-19 की चौथी तिमाही के मुकाबले 327 प्रतिशत अधिक है।’ भारतीय स्टेट बैंक के बयान के अनुसार, ‘पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में बैंक का शुद्ध लाभ 14,488 करोड़ रुपये रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 862 करोड़ रुपये था। यह बैंक का किसी एक वित्त वर्ष में सर्वाधिक शुद्ध लाभ है।’

बैंक ने एसबीआई कार्ड एंड पेमेंट सर्विसेज और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेची। इससे बैंक को 2019-20 में अब तक का सर्वाधिक लाभ हुआ है। एसबीआई ने कहा कि 2019-20 में उसे एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने से दूसरी तिमाही में 3,484.30 करोड़ रुपये और एसबीआई कार्ड में मार्च तिमाही में हिस्सेदारी बेचने से 2,731.34 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ।

बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘कोविड-19 से पहले भी स्थिति कोई अच्छी नहीं थी। उसके बावजूद बैंक ने 2019-20 में 14,488 करोड़ रुपये का लाभ कमाया जो एसबीआई के इतिहास में सर्वाधिक है। हम लगातार संपत्ति गुणवत्ता के साथ प्रावधान अनुपात तिमाही-दर-तिमाही सुधारने में कामयाब हुए हैं।’

उन्होंने कहा कि बैंक के कुल खुदरा ग्राहकों में से करीब 21 प्रतिशत ग्राहकों ने कर्ज लौटाने के लिये आरबीआई की तरफ से दी गयी तीन महीने की मोहलत का लाभ उठाया है। कुमार ने कहा कि बैंक ने सभी ग्राहकों को कर्ज लौटाने के लिये मोहलत की सुविधा दी थी लेकिन करीब 82 प्रतिशत ने दो या उससे अधिक किस्तें तथा 92 प्रतिशत ने एक या उससे अधिक किस्तें मार्च से मई के दौरान दी।

केंद्रीय बैंक ने कोरोना वायरस संकट को देखते हुए शुरू में कर्ज लौटाने के मामले में तीन महीने यानी 31 मई तक की मोहलत दी थी। बाद में इसे तीन महीने के लिये और बढ़ा दिया गया।

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