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Finance: बजट में मिल सकती है 3 साल की एफडी पर टैक्स छूट, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए बड़ा आवंटन संभव

Nirmala Sitharaman in Lok Sabha

नई दिल्ली। अगली 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट संसद में पेश करेंगी। इस बार बजट से आम लोगों को काफी आस है। बेरोजगारी और कोरोना ने आम लोगों की कमर काफी हद तक तोड़ दी है। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री आम लोगों को राहत देने के लिए इस बार बजट में काफी रियायतें दे सकती हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र को भी बेहतर बनाने के लिए बजट में धन की व्यवस्था करने का इरादा सरकार पहले से ही दिखा रही है और इस बार भी ऐसा हो सकता है। तो पहले आपको बताते हैं कि बजट में नौकरीपेशा वर्ग के लिए क्या खास हो सकता है। बजट में नौकरीपेशा को टैक्स छूट में राहत के लिए 3 साल की एफडी का विकल्प मिल सकता है। अब तक 5 साल की एफडी पर टैक्स छूट मिलती रही है।

सीतारमण से भारतीय बैंक संघ यानी IBA ने इस सुझाव पर विचार करने का अनुरोध किया है। आईबीए ने अपने सुझाव में कहा है कि टैक्स बचाने के लिए लोग एफडी पर कम भरोसा करते हैं। इसकी वजह एक तो ब्याज की कम दरें हैं और इसका लॉक इन पीरियड भी ज्यादा है। एफडी पर जो ब्याज मिलता है, वो भी टैक्स के दायरे में आ जाता है। ऐसे में लॉक इन पीरियड को 5 साल से घटाकर 3 साल करने से लोगों का एफडी के प्रति आकर्षण बढ़ने की उम्मीद है। इनकम टैक्स कानून की धारा 80-सी के तहत बैंकों में 5 साल की एफडी कराने पर 1.50 लाख तक की टैक्स छूट हासिल होती है। इसके अलावा आईबीए ने डिजिटल बैंकिंग पर लगने वाले टैक्स पर भी छूट की सलाह दी है। ताकि आम लोगों को भी राहत मिले और इस क्षेत्र को भी सहारा हासिल हो।

सूत्रों के मुताबिक आईबीए के इन सुझावों पर विचार किया जा रहा है। साथ ही इस बार सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी भारी भरकम बजट का प्रावधान कर सकती है। बताया जा रहा है कि शिक्षा के लिए बजट का 10 फीसदी हिस्सा रखा जाएगा। वहीं, स्वास्थ्य के क्षेत्र में बजट प्रावधान 50 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। पिछले बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 2.38 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया था। वैक्सीनेशन, नए हॉस्पिटल और एम्स बनाने के लिए इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र पर मोदी सरकार का जोर बजट में दिखने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा रक्षा क्षेत्र और रेल के लिए भी काफी प्रावधान किए जा सकते हैं। 5 राज्यों में चुनाव भी हैं। ऐसे में आम लोगों को और राहत की उम्मीद भी निर्मला सीतारमण के बजट भाषण से है।

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