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कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मिल चुके ग्रीन सिग्नल के बीच DCGI ने आज बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस, करेंगे बड़ा ऐलान

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नई दिल्ली। रविवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया(DCGI) सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी, जिसमें कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है। दरअसल इससे पहले कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को भारत में आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई है। अब सबकी निगाहें अब फाइनल मंजूरी पर लगी हुई हैं। बता दें कि इन वैक्सीन को लेकर फाइनल फैसला DCGI को ही करना है। जिसके लिए आज DCGI सुबह 11 बजे एक प्रेस कांफ्रेंस करेगी और उम्मीद की जा रही है कि इस कांफ्रेंस में बड़ा ऐलान हो सकता है। गौरतलब है कि DCGI के पास भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ और सीरम इंस्टीट्यूट की ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति देने की सिफारिश सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी द्वारा की गई है। बता दें कि एक जनवरी को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की अहम बैठक में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई थी इसके एक दिन बाद(2 जनवरी को) ही अब देश को पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन मिल गई है।

वहीं शनिवार को जारी एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया कि भारत बायोटेक की द्वारा बनाई जा रही कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को आपातकालीन उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिली है।

आपको बता दें कि देश में कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को अनुमति देने के लिए शनिवार को भी स्वास्थ्य मंत्रालय के SEC (Subject Expert Committee) की बैठक हुई, जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट के वैक्सीन को अंतिम मंजूरी दी गई। गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में 2 जनवरी से कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन किया जा रहा है। ड्राई रन की बात करें तो यह एक तरह से ट्रायल है, जिसमें असली वैक्सीन को लाने-ले जाने और रखरखाव की प्रक्रिया का टेस्ट किया जा रहा है।

इसे आसान शब्दों में समझें तो ड्राई रन के दौरान असली दवा की जगह दूसरी दवा या खाली शीशियों को ठीक उसी तरह से ट्रांसपोर्ट करना होगा जैसे असली दवा को किया जाना है। इसके बाद उन्हें अस्पतालों में वैसे ही रखा जाता है जिस तरह से असली दवा को रखा जाएगा। एक तरह असली दवा के लिए जितने भी कदम उठाए जाते हैं, ठीक वैसे ही दूसरी दवा के लिए किए जाते हैं। यह एक तरीका है पता लगाने का कि कोरोना वैक्सीन के वैक्सीनेशन के लिए कितनी तैयारियां हैं।

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