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Coronavirus : क्या सर्दियों में प्रदूषण बढ़ने पर बढ़ेगा कोरोनावायरस का खतरा? एम्स के निदेशक ने बताया सच…,

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले लगतार बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन थोड़ी राहत की बात है कि देश में रिकवरी दर (Recovery Rate) 84.34 प्रतिशत है। ऐसे में सबके मन में आशंका है कि सर्दियों में कोरोनावायरस (Coronavirus in Winter) के मरीजों की संख्या बढ़ने वाली है। इस पर एम्स के निदेशक (Director of AIIMS) डॉ. रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने स्पष्टीकरण किया है।

दरअसल, कोरोना के संक्रमण के बीच प्रदूषण भी बढ़ने लगा है। यह देखा गया है कि प्रदूषण बढ़ने पर सांस की बीमारियां बढ़ जाती है। इन दिनों अगस्त के मुकाबले कोरोना के कारण मौत भी अधिक हो रही है। ऐसे में सर्दी के मौसम में प्रदूषण ज्यादा बढ़ने पर यह कितनी बड़ी खतरे की बात हो सकती है, प्रदूषण के कारण कोरोना का संक्रमण बढ़ने की आशंका है। उसके दुष्प्रभाव के दिनों में कोरोना से मौत के मामलों में बढ़ोतरी होगी।

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हर साल दिवाली के आसपास व सर्दी के मौसम में प्रदूषण बढ़ जाता है। यह मसला कुछ तो मौसम से जुड़ा होता है। वहीं, पराली भी जलाई जाती है। इसके अलावा सड़कों पर वाहनों का दबाव भी पहले की तरह हो गया है। इन तमाम कारणों से प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। कोरोना के इस दौर में यदि प्रदूषण बढ़ेगा तो कुछ शोधों के डाटा में यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस हवा में अधिक देर तक रह सकता है। इससे संक्रमण होने का खतरा है। जिन्हें पहले से सांस की परेशानी, अस्थमा की बीमारी है, उन मरीजों के फेफड़े में प्रदूषण के कण जाने से सोरियासिस हो जाता है।

उस दौरान सांस के मरीजों को कोरोना का संक्रमण होने पर वह ज्यादा घातक हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि इस साल प्रदूषण रोकने की पूरी कोशिश करें। ताकि हर साल की तरह इस बार सर्दी के मौसम में संक्रमण न होने पाए, क्योंकि कोरोना व प्रदूषण दोनों साथ-साथ होगा तो लोगों की परेशानी और बढ़ जाएगी।

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