नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले बढ़ते देख केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। इसी के चलते बुधवार को गृह मंत्रालय(Home Ministry) ने कोविड-19 से संबंधित निगरानी, नियंत्रण और सावधानी के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। इसके मुताबिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अपने यहां संक्रमण रोकने के लिए कड़े उपाय करने को कहा गया है। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने कहा है कि, विभिन्न गतिविधियों पर SOPs जारी करने और भीड़ को नियंत्रण रखना अनिवार्य होगा। MHA की नई गाइडलाइन के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति होगी। बता दें कि गृह मंत्रालय द्वारा ने अपने आदेश में कहा है कि स्थानीय जिला, पुलिस और नगरपालिका अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार होंगे कि निर्धारित उपायों का कड़ाई से पालन किया जाए।
नए आदेश में गृह मंत्रालय द्वारा कहा गया कि राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश सरकार संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे। वहीं निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर अगर स्थानीय लॉकडाउन लगाने की जरूरत समझी जाती है तो इसके लिए उन्हें पहले राज्यों, केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों को केंद्र से अनुमति लेनी होगी।
Only essential activities allowed in Containment Zones. Local district, police & municipal authorities shall be responsible to ensure that prescribed Containment measures are strictly followed & State/UT Govts shall ensure accountability of concerned officers: MHA#COVID19 https://t.co/R4ZwuA74Ze
— ANI (@ANI) November 25, 2020
बता दें कि कोरोना के मामलों को देखते हुए जारी हुए नए दिशा-निर्देश 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक लागू रहेंगे। नई गाइडलाइंस का मुख्य उद्देश्य कोरोना वायरस के प्रसार को रोकना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों/एसओपी की निगरानी, नियंत्रण और सख्त से नियमों के पालन पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन निर्देशों का कड़ाई से पालन हो, इसके लिए जिला, पुलिस और नगर निगम के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उनपर यह कार्यभार होगा कि निर्धारित उपायों का कड़ाई से पालन किया गया है या नहीं। इसके साथ ही बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए केंद्र शासित राज्य अपने आंकलन के आधार पर स्थानीय प्रतिबंध लगा सकते हैं।
जिन राज्यों में कोरोना के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं उनको लेकर मंत्रालय के आदेश में कहा कि कुछ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में हाल में मामलों में बढ़ोतरी के चलते इस बात पर जोर दिया जाता है कि सावधानी बरतने की जरूरत है। गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों को सूक्ष्म स्तर पर डेमोकेशनऑफ जोन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। कंटेनमेंट जोन की सूची संबंधित जिला कलेक्टरों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा वेबसाइटों पर डाली जाएगी और यह सूची गृह मंत्रालय के साथ साझा की जाएगी।
वहीं कंटेमेंट जोन में चिकित्सा आपात स्थिति, आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति जारी रहेगी। हालांकि बाहर के लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। निगरानी के लिए गठित टीमों को घर-घर जाकर निगरानी करना होगा। निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षण किया जाएगा। कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को 14 दिनों के लिए क्वांरटीन रहना होगा और उसके संपर्क में आने वाले 80 प्रतिशत लोगों का 72 घंटे में पता लगाया जाएगा। COVID-19 रोगियों को जल्द ही उपचार सुविधाओं/घर (घर क्वारंटीन दिशानिर्देशों को पूरा करने के अधीन) में सुनिश्चित किया जाएगा।
लोगों को कोरोना से बचने के लिए उचित उपायों का पालन आवश्यक होगा। ऐसे में राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारों को फेस मास्क, हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने होंगे। वहीं फेस मास्क न पहनने की दशा में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उचित जुर्माना लगाने पर विचार कर सकते हैं। सार्वजनिक और कार्य स्थलों में फेस मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
इसके अलावा भीड़-भाड़ वाली जगहों, विशेषकर बाजारों, साप्ताहिक बाजारों और सार्वजनिक परिवहन में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एक SOP जारी करेगा, जिसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा सख्ती से लागू किया जाएगा। आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाता रहेगा।
वहीं एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए किसी भी तरह की पाबंदी नहीं होगी। गृह मंत्रालय ने अपने नए गाइलाइंस में, कमजोर व्यक्तियों, अर्थात 65 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर पर रहने की सलाह दी है। एक राज्य से दूसरे राज्यों के साथ क्रॉस लैंड-बॉर्डर व्यापार के लिए व्यक्तियों और वस्तुओं पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस तरह के लिए कोई अलग से अनुमति/ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी।