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Delhi University : SOL में 75 फीसदी टीचिंग सीटें खाली, अगस्त से होगी भर्ती

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में मुक्त शिक्षा विद्यालय (एसओएल) में लंबे समय से टीचिंग व नॉन टीचिंग पद रिक्त हैं। एसओएल में पिछले तीन दशकों से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई। यहां शिक्षकों के लगभग 80 पदों पर नियुक्ति होनी है। यहां 70 से 75 फीसदी शिक्षकों की सीटें खाली पड़ी हुई हैं। अब एसओएल में टीचिंग व नॉन टीचिंग रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग की जा रही है। एसओएल में नियुक्ति व पदोन्नति न होने पर एसओएल के प्रिंसिपल प्रोफेसर उमाशंकर पाण्डेय से दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। उन्हें एक ज्ञापन व मांगपत्र भी दिया गया। डीटीए प्रभारी डॉ. हंसराज ‘सुमन’ ने प्रोफेसर पांडेय को बताया है कि मुक्त शिक्षा विद्यालय (एसओएल) में पिछले तीन दशक से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई। यहां शिक्षकों के लगभग 80 पदों पर नियुक्ति होनी है। यहां 70 से 75 फीसदी शिक्षकों की सीटें खाली पड़ी हुई हैं। इन पदों में सबसे ज्यादा आरक्षित वर्गो की है, एससी, एसटी और ओबीसी कोटे के पदों पर अभी तक यहां कोई नियुक्ति नहीं हुई है।


उनका कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में हर जगह शिक्षकों की एडहॉक पदों पर नियुक्ति हुई, लेकिन एसओएल में नहीं हुई, जिसके कारण आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों का बैकलॉग बढ़ा है। एसओएल प्रिंसिपल प्रोफेसर पांडेय ने आश्वासन दिया है कि उन्होंने टीचिंग व नॉन टीचिंग के रिक्त पदों को भरने के लिए विश्वविद्यालय को रोस्टर रजिस्टर भेज दिया है। रोस्टर रजिस्टर के पास हो जाने पर तुरंत नॉन टीचिंग के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।


साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि एसओएल में लंबे समय से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है। इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए पहले पदों का विज्ञापन देकर उसे स्क्रीनिंग व स्कूटनी होने के बाद शिक्षकों के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। डॉ. पांडेय ने उन्हें यह भी बताया कि पिछले तीन दशक पुरानी शिक्षकों की पदोन्नति हाल ही सम्पन्न कराई है। उन्होंने बताया कि जल्दी ही टीचिंग व नॉन टीचिंग रिक्त पदों की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी और जिस वर्ग के जो पद बनते हैं उनको रोस्टर के हिसाब से बिना विलंब किए पदों को भरे जाने का आश्वासन दिया है।

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