News Room Post

CBSE 10th Result 2023 : एसिड अटैक में 3 साल की उम्र में खो दी थीं आंखें, कैफ़ी ने कैसे विपरीत हालातों में भी हासिल किए 95.2% मार्क्स

चंडीगढ़। सीबीएसई 10 वीं के परिणाम में चंडीगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ़ ब्लाइंड 15 साल की स्टूडेंट कैफ़ी ने अपने स्कूल में टॉप करते हुए 95.2 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। लेकिन कैफ़ी अन्य छात्रों की तरह नहीं हैं, वो एक एसिड अटैक सर्वाइवर हैं। बता दें कि हिसार में अपने गांव बुढ़ाना में रहने के दौरान तीन पड़ोसियों के द्वारा कैफ़ी पर हमला किया गया था। उस समय कैफ़ी महज तीन साल की थी। इस हमले में कैफ़ी को गंभीर रूप से प्रभावित होना पड़ा। कैफ़ी के चेहरे को इस एसिड अटैक ने पूरी तरह से बदल डाला। इसके साथ ही कैफ़ी के बाहें भी गंभीर रूप से जल गई थीं। इतना ही नहीं, इस हमले में कैफ़ी के आँखों की रौशनी चली गई। लेकिन बावजूद इसके कैफ़ी ने लगातार संघर्ष करते हुए अपने जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास किया, आप सोच सकते हैं कि इतनी कम उम्र में इतने बड़े दर्द के साथ आगे बढ़ना कितना मुश्किल रहा होगा। लेकिन फिर भी कैफ़ी के कभी हार नहीं मानी और आज कैफ़ी ने सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि सीबीएसई के परिणाम सामने आने के बाद कैफ़ी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो एक सिविल सेवक बनने की इच्छा रखती हैं। कैफी ने कहा कि एसिड अटैक के बाद तीन मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों को दोषी ठहराया गया था और वो तीनों केवल दो साल में जेल से बाहर आ गए थे। लेकिन, उनका अपराध और मुझ पर हमला मुझे रोक नहीं पाएगा। मैं अपने माता-पिता और शिक्षकों को गौरवान्वित करूंगी। कैफी को आईएएस अधिकारी बनकर अपने परिवार के नाम को रोशन करने की ख्वाहिश है।

बता दें कि कैफ़ी के पिता जो हरियाणा सचिवालय में चपरासी के पद पर काम करते हैं, उन्होंने अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए गांव को छोड़कर चंडीगढ़ जाने का फैसला किया था। और अब कैफ़ी का परिवार चंडीगढ़ के शास्त्रीनगर में रहता है। कैफी की कहानी विपरीत परिस्थितियों में आशा और साहस की कहानी है। उन्होंने दिखाया है कि सबसे बुरे समय में भी चलते रहने की ताकत मिल सकती है। कैफी की उपलब्धियाँ उनके दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत का प्रमाण हैं। इस दुनिया में इस तरह की अक्षमता के साथ भी इस तरह आगे बढ़ने की ललक ने कैफ़ी के नाम को भी रोशन कर दिया है।

Exit mobile version