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12th Board Exams: Supreme Court 12वीं के बोर्ड परीक्षा को रद्द करने की याचिका पर सनवाई को तैयार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शुक्रवार को 31 मई को उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया, जिसमें देश में कक्षा 12वीं की सीबीएसई और भारतीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाणपत्र (आईसीएसई) की परीक्षा रद्द (12th Board Exam 2021) करने की मांग की गई है। जस्टिस ए.एम. खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी ने कहा, “कृपया आशावादी रहें। सोमवार तक कुछ समाधान हो सकता है।”

पीठ ने याचिकाकर्ता को याचिका की प्रतियां दोनों बोडरें के साथ-साथ केंद्र सरकार को देने के लिए कहते हुए मामले को सोमवार को आगे की सुनवाई के लिए तय किया। पीठ ने कहा कि वह यह देखने के लिए इंतजार करेगी कि क्या इस बीच केंद्र द्वारा कोई फैसला लिया जाता है।

पीठ ने कहा कि सीबीएसई 1 जून को बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा करेगा। अधिवक्ता ममता शर्मा द्वारा दायर याचिका में शीर्ष अदालत से बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं को रद्द करने के लिए बोर्ड को निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया था। साथ ही इसके बदलते एक विशिष्ट समय-सीमा के भीतर परिणाम घोषित करने के लिए एक वस्तुनिष्ठ कार्यप्रणाली तैयार करने का अनुरोध किया गया है।

याचिका में कहा गया है, “कोविड -19 की स्थिति पिछले साल की तुलना में अधिक गंभीर है और उत्तरदाताओं को बारहवीं कक्षा के छात्रों के ग्रेडिंग / अंकों का आकलन करने के लिए पिछले वर्ष की तरह ही मानदंड अपनाने की आवश्यकता है।”

याचिका में कहा गया है कि यह एक उपयुक्त मामला है जिसमें शीर्ष अदालत भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग कर प्रतिवादियों को बारहवीं कक्षा के लिए उसी पद्धति को लागू करने का निर्देश दे सकती है, जिसे परिणाम घोषित करने और परीक्षा रद्द करने के लिए दसवीं कक्षा के लिए अपनाया जा रहा है। पिछले साल, महामारी के बीच शीर्ष अदालत ने बोर्ड से छात्रों के पहले के मूल्यांकन के आधार पर बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम निर्धारित करने और घोषित करने के लिए कहा था।

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